लखनऊ की एक अदालत ने मशहूर डांसर सपना चौधरी के खिलाफ एक कार्यक्रम को मनमाने तरीके से रद्द करने और टिकट खरीदने वालों को उनका धन वापस नहीं करने के मामले में बुधवार को गिरफ्तारी वारंट जारी किया। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट शांतनु त्यागी की अदालत ने यह वारंट जारी करते हुए मामले की अगली सुनवाई की तारीख 22 नवंबर तय की है।
दारोगा फिरोज खान ने 14 अक्टूबर 2018 को इस सिलसिले में आशियाना थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। इस मुकदमे में सपना के अलावा कार्यक्रम के आयोजक जुनैद अहमद, नवीन शर्मा, इवाद अली, अमित पांडे और रत्नाकर उपाध्याय को भी आरोपी बनाया गया था।
मुकदमे में आरोप है कि डांसर सपना चौधरी को 13 अक्टूबर 2018 को स्मृति उपवन में अपराह्न तीन बजे से रात 10 बजे तक कार्यक्रम पेश करना था। इसके लिए 300 रुपये प्रति टिकट की दर से टिकट बेचे गए थे। कार्यक्रम के लिए स्मृति उपवन में हजारों की संख्या में लोग आए थे लेकिन जब सपना रात 10 बजे तक कार्यक्रम स्थल पर नहीं पहुंचीं तो भीड़ ने टिकट का धन वापस देने की मांग को लेकर हंगामा किया था।
लोगों को पैसे वापस नहीं किए गए। अदालत इस प्रकरण में मामला खत्म करने के अनुरोध वाली सपना चौधरी की याचिका को पहले ही खारिज कर चुकी है। अब अदालत सपना तथा इस मामले के अन्य अभियुक्तों के खिलाफ आरोप तय करेगी।
जानकारी के मुताबिक सपना चौधरी का 13 अक्टूबर, 2018 को लखनऊ के स्मृति उपवन में दोपहर तीन बजे से रात 10 बजे तक कार्यक्रम होना था। इस कार्यक्रम के लिए सपना चौधरी और आयोजकों ने पैसे ले लिए, लेकिन वह कार्यक्रम में नहीं पहुंचे। जिसके बाद उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया। इस मामले में केस दर्ज करने वाले ने आरोप लगाया है कि डांस प्रोग्राम रद्द करने के बाद टिकट के पैसे लौटाए नहीं गए। जिसके बाद 14 अक्टूबर, 2018 को एफआईआर दर्ज की गई थी।
वहीं कोर्ट में पेश न होने के कारण सपना चौधरी की गिरफ्तारी का वारंट जारी किया गया है, जिसके बाद सपना चौधरी की मुश्किलें बढ़ गई हैं। हालांकि पिछले दिनों दिल्ली में सपना चौधरी के खिलाफ इसी तरह का मामला सामने आया था।