जानकारी के अनुसार, माना जा रहा है कि रजनीकांत की फिल्म 'गॉडफादर' की कहानी देश के पहले डॉन और तस्कर हाजी मस्तान के जीवन आधारित है। जिसको लेकर ही शेखर ने रजनीकांत को नोटिस भेजा है जिसमें कहा गया है कि रजनीकांत अपनी आने वाली फिल्म में हाजी मस्तान को एक विलेन के तौर पर ना पेश करें। नोटिस में भारतीय अल्पसंख्यक सुरक्षा महासंघ के चेयरमैन सुंदर ने कहा है कि अगर फिल्म में तथ्य बिगाड़ें गए तो वो उन्हें (रजनीकांत) छोड़ेंगे नहीं।
सुंदर ने रजनीकांत को एक वीडियो के जरिये भी धमकी दी है, जो सोशल मीडिया पर काफी वायरल भी हो रहा है। शेखर ने वीडियो में कहा है कि फिल्म में हाजी मस्तान की असल कहानी होनी चाहिए न कि मनगढ़ंत। अगर फिल्म में कुछ आपत्तिजनक तत्व पाया गया तो मेरी पार्टी के सदस्य और मैं रजनीकांत को छोड़ेंगी नहीं।
सुंदर ने आगे कहा कि मेरे गॉडफादर एक लोकप्रिय राष्ट्रीय नेता हैं और आप उनका चित्रण स्मगलर और अंडरवर्ल्ड डॉन के रूप में कर रहे हैं, जोकि गवारा नहीं हैं।
कौन था हाजी मस्तान
मस्तान हैदर मिर्जा उर्फ हाजी मस्तान का जन्म 1 मार्च, 1926 को तमिलनाडु के कुड्डालोर के पास पनईकुल्लम गांव में हुआ था। मस्तान के पिता हैदर मिर्जा गरीब किसान थे। गरीबी के कारण उसने 1934 में मुंबई का रुख किया। यहां पर हैदर मिर्जा कफ रोड में साइकिल बनाने की छोटी-सी दुकान चलाते थे, लेकिन उतने से रोजी-रोटी चला पाना परिवार के लिए बेहद मुश्किल था। 1956 में मस्तान ने सुकुर नारायण बखिया के साथ साझेदारी में स्मगलिंग का धंधा शुरू किया। स्मगलिंग के धंधे में मस्तान को काफी मुनाफा हुआ। सफेद कपड़े, सफेद मर्सडीज बेंज ये हाजी मस्तान की खास पहचान बने।
हाजी मस्तान ने एक्ट्रेस से शादी के बाद कई फिल्मों का निर्माण भी किया। हाजी मस्तान सिगार का बड़ा शौकीन था और हमेशा विदेशी सिगार पीता था। अपराध की दुनिया में उसने अपने जीवन में कभी भी किसी को गोली नहीं मारी थी। हाजी मस्तान की ज़िन्दगी का दौर 1994 में दिल का दौरा पड़ने से थम गया।
मस्तान के जीवन पर पहले भी बनी फिल्में
मस्तान के जीवन पर बॉलीवुड फिल्म 'वंस अपॉन ए टाइम इन मुंबई' बनी थी, जिसमें अजय देवगन ने हाजी का किरदार निभाया था। अमिताभ बच्चन की 'दीवार' का किरदार हाजी मस्तान की जीवनी से प्रेरित था।