मामले की जांच में जुटी ने बताया कि उन्हें रविवार सुबह अतुल के कमरे का दरवाजा तोड़ना पड़ा, जहां वह मृत पाए गए। शुरुआती जांच में पुलिस का कहना है कि उन्होंने जहर खाकर जान दी है। इस संबंध में पुलिस अधिकारी ने बताया कि पुणे के डेक्कन जिमखाना पुलिस थाने में मौत का मामला दर्ज कर लिया गया है और शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है।
सुसाइड नोट में लिखी ये बातें
अतुल तपकीर ने अपने सुसाइड नोट में लिखा है कि फिल्ममेकिंग में उन्हें बड़ा नुकसान हुआ था, जिसकी वजह से उनकी पत्नी प्रियंका अक्सर उन्हें टॉचर्र करती थी। यहां तक कि उसने घर से भी निकाल दिया था। मराठी भाषा में लिखे इस पोस्ट में उन्होंने लिखा कि पिता और बहन से तो उन्हें काफी सहारा मिला, लेकिन अपनी पत्नी प्रियंका से वह काफी पीड़ित थे।
तपकीर ने आगे लिखा है कि उनकी पत्नी ने उन्हें घर से बाहर कर दिया और वह बीते छह महीने से बेघर थे। वह इस बात से भी काफी परेशान थे कि उनकी पत्नी ने उन्हें बच्चों से भी अलग कर दिया था। इतना ही नहीं वह अपने पति को अपशब्द कहती थीं और पड़ोसियों के बीच उन्हें बदनाम करती रहती थीं। आगे तपकीर ने लिखा कि उनकी पत्नी अपने 'कथित' भाइयों के जरिये उन्हें धमकाती रहती थीं और पिटाई भी करवाती थीं।
कुछ ही दिन पुरानी घटना को याद करते हुए तपकीर ने अपने पोस्ट में लिखा, उन्होंने अपनी पत्नी को फोन कर अपशब्द कहे तो उनकी पत्नी ने भी पलटकर उन्हें और उनके परिवारवालों के लिए अपशब्द कहे और उनके खिलाफ पुलिस में शिकायत भी दर्ज करा दी।
मुख्यमंत्री मांगी मदद
तपकीर ने अपने सुसाइड नोट में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से गुजारिश की है कि पुलिस को महिला की शिकायत पर पुरुषों का भी पक्ष सुनना चाहिए। तपकीर ने सुसाइड नोट में अपनी अंतिम इच्छा जाहिर करते हुए लिखा है कि चूंकि उनकी पत्नी बच्चों का खयाल नहीं रख सकती, इसलिए बच्चों को पालन पोषण के लिए उनके पिता को सौंप दिया जाए।
गौरतलब है कि अतुल गत छह माह से अपने परिवार से अलग रह रहे थे। सुसाइड नोट में उन्होंने लिखा है कि वो पत्नी और उसके भाइयों द्वारा लगातार परेशान किए जाने की वजह से ये कदम उठा रहे हैं। बता दें कि तपकीर ने 2 साल पहले 2015 में मराठी फिल्म 'ढोल-ताशे' बनाई थी।