भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी राजनेता होने के साथ एक कवि भी थे। एक कवि और एक राजनेता के तौर पर उनके जीवन के ऐसे कई पहलू थे, जिन्हें उनके पसंद करने वाले जानना चाहते हैं और जिन्हें रुपहले पर्दे पर उकेरा जा सकता है। कुछ इसी मंशा से पिछले वर्ष फिल्म निर्देशक मयंक पी. श्रीवास्तव ने उनके जीवन पर 'युगपुरुष अटल' के नाम से एक बायोपिक बनाने की घोषणा की थी। इसके निर्माण के लिए उन्होंने अटल जी की भतीजी माला तिवारी से अनुमति ली थी और उनके सम्पूर्ण जीवन को विस्तार से जाना था। स्पेक्ट्रम मूवीज बैनर के तहत निर्माणाधीन इस फिल्म को उनके 94वें जन्मदिवस यानी 25 दिसम्बर 2018 को प्रदर्शित किए जाने की योजना है। हालांकि इससे पहले ही 16 अगस्त 2018 को लंबे उपचार के बाद उनका निधन हो गया। इस फिल्म के निर्माण के लिए उनके परिवार से अनुमति ली गई थी और लगातार उनके परिजनों के संपर्क में रह कर उनके सम्पूर्ण जीवन को कहानी का रूप दिया गया। इसके लिए उनके परिवार की सदस्य माला तिवारी ने पूरी मद्द की।
गौरतलब है कि अटल जी ग्वालियर में एक शिक्षक परिवार में 25 दिसम्बर, 1924 को जन्मे थे। वे 19 मार्च, 1998 से लेकर 22 मई, 2004 तक देश के प्रधानमंत्री रहे। यह फिल्म उनके जीवन की वास्तविक घटनाओं पर आधारित है और इसमें उनके बचपन से लेकर सम्पूर्ण जीवन के साथ उनके सात दशकों के राजनीतिक जीवन के विभिन्न आयामों को दिखाया गया है। फिर चाहे उनका कवि व्यक्तित्व हो या एक मजबूत राजनेता के तौर पर उनकी छवि। इसकी पटकथा बसंत कुमार ने लिखी है। वहीं इसका संगीत बप्पी लहरी ने दिया है, तो गीतों के तौर पर अटल जी की रचनाओं को शामिल किया गया है।