चुरनी ने बताया कि हाल ही में प्रदर्शित उनकी पहली फिल्म एक महिला साहित्यकार के एकाकी जीवन के इर्द-गिर्द घूमती है और इसमें उनके पालतू बिल्ली के साथ उनके रिश्तों को दिखाया गया है।
बांग्ला सिनेमा की जानी-पहचानी अभिनेत्री चुरनी ने बताया, यह फिल्म किसी भी तरह से तसलीमा की जीवनी नहीं है और न ही इसके कोई राजनीतिक मायने हैं।
2014 के दिल्ली फिल्म महोत्सव में बेहतरीन फिल्म का खिताब हासिल करने वाली और इस साल की शुरूआत में श्रेष्ठ बांग्ला फिल्म और श्रेष्ठ ध्वनि कैटेगरी में दो राष्ट्रीय राष्टीय पुरस्कार अपने नाम करने वाली इस फिल्म में तसलीमा द्वारा लिखी गई कई कविताओं को फिल्म के पार्श्व में शामिल किया गया है।
चुरनी ने बताया कि फिल्म की कहानी लेखिका और उनकी पालतू बिल्ली के इर्द-गिर्द घूमती है जिसकी आप तसलीमा की बिल्ली मीनू से तुलना कर सकते हैं। लेकिन फिल्म में ऐसी कई घटनाएं हैं जो लेखिका के जीवन में घटित नहीं हुई हैं।