एमएस विश्वनाथन की लोकप्रियता इसी से पता चलती है कि उन्होंने लगभग हर दक्षिण भारतीय भाषा की फिल्म में संगीत दिया था। कुछ फिल्मों में उन्होंने अभिनय भी किया था। उनका जन्म केरल के पालक्कड़ में हुआ था। शुरूआत में वह अपने सहयोगी राममूर्ति के साथ संगीत देते थे। बाद में दोनों की राहें जुदा हो गई थीं।
उनके पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि उनका अंतिम संस्कार कल किया जाएगा। तमिल सिनेमा की नामचीन हस्तियों ने विश्वनाथन की मृत्यु को फिल्म जगत के लिए एक बड़ी क्षति बताया है। उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि प्रख्यात संगीत निर्देशक एमएस विश्वनाथन का निधन सभी संगीत प्रेमियों के लिए बड़ी क्षति है। मोदी ने ट्वीट किया, ‘श्री एमएस विश्वनाथन का निधन संगीत प्रेमियों के लिए बड़ी क्षति है। कई पीढ़ियों के लोगों ने उनके संगीत का आनंद लिया है।’
विश्वनाथन ने 1000 से ज्यादा फिल्मों में संगीत दिया है। उनके निधन की खबर सुन कर चेन्नई में शोक की लहर है। तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता ने विश्वनाथन की प्रशंसा की और उन्हें पद्म सम्मान नहीं मिलने पर अफसोस भी जताया। जे जयललिता ने कहा कि उन्हें बहुत अफसोस है कि सन 1991 के बाद से उनकी कई बार की सिफारिशों के बावजूद संगीतकार पद्म सम्मान से वंचित रह गए। जयललिता ने कहा कि विश्वनाथन के नाम से चर्चित एमएसवी किंग ऑफ मेलोडी और तमिल सिनेमा की नामी शख्सियत थे।
शोक जताते हुए जयललिता ने कहा कि वह बेहद प्यारे, शांत, मिलनसार और आध्यात्मिक शख्स थे जिनके संगीत का सफर 13 साल की उम्र में शुरू हुआ था। उन्होंने नीरादम कदालूदुता का संगीत तैयार किया और इसके गाने तमिलवासियों के दिल को छू गए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कई पुरस्कार जीतने के बावजूद उन्हें विशिष्ट पद्म सम्मान नहीं मिला।
द्रमुक अध्यक्ष एम करूणानिधि ने भी अपने अच्छे दोस्त के निधन पर शोक जताया। करूणानिधि ने कहा कि हर तबके के बीच गानों को लोकप्रिय बनाने में विश्वनाथन और राममूर्ति की बड़ी भूमिका थी। उन्होंने विश्वनाथन के परिजन के प्रति संवेदना जाहिर करते हुए कहा, वह बेहद मिलनसार व्यक्ति थे और उनका मुझ से काफी लगाव था। गरीबी में जीवन शुरू होने के बावजूद उन्होंने ऊंचा स्थान हासिल किया।