कांग्रेस पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि मनरेगा के तहत प्रतिदिन मजदूरी को 400 रुपये किया जाना चाहिए तथा आधार-आधारित भुगतान प्रणाली को अनिवार्य नहीं बनाया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘दूसरा कदम- वित्त मंत्रालय की मासिक/त्रैमासिक व्यय योजना लागू करना, जिसके तहत वित्तीय वर्ष के पहले छह महीनों में मनरेगा के कुल बजट का केवल 60 प्रतिशत खर्च करने की सीमा तय कर दी गई है।’’
उन्होंने कहा कि पहला और दूसरा कदम लागू हो चुके हैं तथा तीसरा कदम अब जल्द ही सामने आने वाला है।
रमेश ने कहा कि असल में इसके बजाय कुछ दूसरे कदम उठाये जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘‘मनरेगा की मजदूरी बढ़ाकर 400 रुपये प्रतिदिन की जानी चाहिए, आधार-आधारित भुगतान प्रणाली को अनिवार्य नहीं बनाया जाना चाहिए। मजदूरी का भुगतान 15 दिनों की वैधानिक समय-सीमा के भीतर किया जाना चाहिए और किसी भी प्रकार की देरी पर मजदूरों को मुआवजा दिया जाना चाहिए।’’