एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने रविवार को 'अग्निपथ' योजना भारतीय वायु सेना के लिए फायदे वाला सौदा कहा। उन्होंने कहा कि इससे सेना और मजबूत होगी और यह किसी भी तरह से परिचालन क्षमता को कम नहीं करेगा।
वायु सेना प्रमुख ने कहा कि इस स्कीम के तहत 13 टीमें चार साल की नियुक्ति अवधि के भीतर नामांकन, रोजगार, मूल्यांकन और रंगरूटों के प्रशिक्षण का ध्यान रखेंगी।
एयर चीफ मार्शल चौधरी ने कहा कि योजना के क्रियान्वयन के माध्यम से पेंशन और अन्य खर्चों में कोई भी बचत केवल आकस्मिक है और सुधार शुरू करने का कारण नहीं है।
उन्होंने कहा, "अग्निपथ योजना भारतीय वायुसेना के जनशक्ति अनुकूलन अभियान को आगे बढ़ाती है जो एक दशक से चल रहा है जिसमें हमने कई मानव संसाधन नीतियों और संगठनात्मक संरचनाओं की समीक्षा की है।" नई योजना के तहत भारतीय वायुसेना में लगभग 3,000 पदों के लिए लगभग 7,50,000 उम्मीदवारों ने पंजीकरण कराया है।
बता दें कि 14 जून को घोषित इस योजना में केवल चार साल के लिए 17 और 21 वर्ष की आयु वर्ग के बीच के युवाओं की भर्ती करना है, जिसमें से 25 प्रतिशत को 15 और वर्षों के लिए बनाए रखने का प्रावधान है। 2022 के लिए, ऊपरी आयु सीमा को बढ़ाकर 23 वर्ष कर दिया गया है।
भारत के कई हिस्सों में पिछले महीने इस योजना के खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए, आंदोलनकारियों ने इसे वापस लेने की मांग की क्योंकि नया मॉडल 75 प्रतिशत रंगरूटों को नौकरी की गारंटी नहीं देता है।