राजस्थान में लंबे समय से चले आ रहा सस्पेंस आखिरकार अब समाप्त हो गया है। राजस्थान में भजन लाल शर्मा को नया सीएम बनाया गया है। राज्य की राजधानी जयपुर में पार्टी के नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक के बाद इस फैसले की घोषणा की गई। राज्य विधायक दल की बैठक में राजनाथ सिंह, विनोद तावड़े और सरोज पांडे समेत केंद्रीय पर्यवेक्षकों की टीम मौजूद रही। इसके साथ ही राज्य से वसुंधरा राजे का 'राज' अब खत्म हो गया है। उन्होंने प्रस्तावक बनकर नए सीएम के नाम का ऐलान किया। प्रेम चंद्र बैरवा और दीया कुमारी को उपमुख्यमंत्री बनाया गया है।
यह घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी नेताओं अमित शाह और जेपी नड्डा के बीच कई दौर के विचार-विमर्श के बाद आई है। मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में घोषणाओं की तरह, राजस्थान में निर्णय 2024 में लोकसभा चुनावों पर पार्टी के फोकस के अनुरूप प्रतीत होता है। यह निर्णय हाल ही में संपन्न राजस्थान विधानसभा चुनावों में भाजपा की जीत के नौ दिन बाद आया है। पार्टी को राज्य में 199 सीटों पर हुए चुनाव में से 115 सीटें मिलीं, जबकि मौजूदा कांग्रेस ने 69 सीटें जीतीं।
राजस्थान के मुख्यमंत्री की घोषणा पार्टी द्वारा छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्रियों की घोषणा के बाद की गई है, ये दो अन्य राज्य हैं जहां पार्टी ने पांच राज्यों के चुनावों में जीत हासिल की थी। बता दें कि भजन लाल शर्मा सांगानेर विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं और चार बार पार्टी के राज्य महासचिव के रूप में कार्य कर चुके हैं। उन्होंने 2023 में कांग्रेस के पुष्पेंद्र भारद्वाज को 48,081 वोटों के अंतर से हराकर सांगानेर सीट जीती। चुनाव आयोग में दाखिल चुनावी हलफनामे के मुताबिक, 56 वर्षीय शर्मा पोस्ट ग्रेजुएट हैं। उनकी कुल घोषित संपत्ति Rs 1.5 करोड़ है, जिसमें 43.6 लाख चल संपत्ति और 1 करोड़ अचल संपत्ति शामिल है।
नतीजों की घोषणा के बाद दो बार की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के साथ गहन बातचीत की। राजे ने दिल्ली में पार्टी अध्यक्ष नड्डा से मुलाकात की और आज जयपुर पहुंचने के बाद पार्टी के पर्यवेक्षक राजनाथ सिंह के साथ एक-पर-एक चर्चा की। गिनती में अन्य नामों में अर्जुन राम मेघवाल, बाबा बालकनाथ और सीपी जोशी शामिल थे। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का लंबे समय से मानना है कि सीएम के नामों पर निर्णय लोकसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। जहां पार्टी को न केवल राज्यों में जातिगत अंकगणित सही होने की उम्मीद है, बल्कि सीमावर्ती राज्यों में अन्य जाति समूहों को भी सही संदेश भेजा जाएगा।