कांग्रेस ने सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून की 18वीं वर्षगांठ पर बृहस्पतिवार को केंद्र सरकार पर इस कानून को लगातार कमजोर करने का आरोप लगाते हुए दावा किया कि आरटीआई ‘ओम शांति’ की ओर अग्रसर है। आरटीआई कानून 12 अक्टूबर, 2005 को लागू हुआ था। उस समय केंद्र में कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार थी।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, "आज ऐतिहासिक सूचना का अधिकार अधिनियम (आरटीआई) लागू होने की 18वीं वर्षगांठ है। कम से कम 2014 तक यह परिवर्तनकारी था। उसके बाद केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने लगातार इस कानून को कमजोर करने, इसके प्रावधानों को कमजोर करने, प्रधानमंत्री की वाहवाही करने वालों को अपना आयुक्त नियुक्त करने और आवेदनों को अस्वीकार करने का प्रयास किया है।"
उन्होंने दावा किया कि एक के बाद एक लाए गए संशोधनों के शुरुआती कारण यह थे कि आरटीआई के तहत हुए खुलासे स्वयं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए बेहद शर्मनाक साबित हुए थे। रमेश ने कहा, "मैंने इनमें से कुछ संशोधनों को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी थी और मुझे अभी भी उम्मीद है कि याचिका पर जल्द ही सुनवाई होगी क्योंकि आरटीआई तेजी से ‘ओम शांति’ की ओर अग्रसर है।"