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सात समंदर पार से नीतीश से मदद की गुहार, बिहार में पिता के साथ किया है तांडव

बिहार में एक बार फिर गुंडाराज बढ़ने के आरोप लग रहे हैं। स्वीडन से स्वाति पराशर ने आरोप लगाए हैं कि...
सात समंदर पार से नीतीश से मदद की गुहार, बिहार में पिता के साथ किया है तांडव

बिहार में एक बार फिर गुंडाराज बढ़ने के आरोप लग रहे हैं। स्वीडन से स्वाति पराशर ने आरोप लगाए हैं कि उनके पिता अरविंद झा की मधुबनी के पंडौल में स्थित जमीन पर कुछ लोगों ने अवैध कब्जा कर लिया है। इस पूरे मामले में स्वाति ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से न्याय की गुहार लगाई है।

अरविंद झा की बेटी स्वाति पराशर ने स्वीडन से ट्वीट कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अपनी आपबीती बताई। उन्होंने बताया कि उनके पिता ने बिहार और झारखंड सरकार में 40 सालों तक ईमानदारी से काम किया है। वह हाल ही में मधुबनी जिले के पैतृक गांव पंडौल पहुंचे थे। जहां उनपर पत्थर फेंके गए जिसमें वे घायल हो गए। इसके साथ ही कुछ लोगों ने उनकी जमीन पर अवैध कब्जा भी कर लिया है।

उन्होंने आगे कहा कि बिहार काम की तलाश में बड़े शहरों में जाने वाले गरीब प्रवासियों के लिए जाना जाता है। अब भी राज्य सभी विकास सूचकांको पर बहुत कम आंकड़े दर्ज कर पाता है। औपनिवेशिक काल के दौरान बिहार कैरेबियन, फिजी और दूसरे देशों के लिए गिरमिटिया मजदूर सप्लाई करने का माध्यम था। इस लिहाज से मैं भी एक प्रवासी हूं। जहां भी जाती हूं, अपने साथ यह पहचान रखती हूं । मेरा परिवार अपनी मिट्टी से जुड़ा है और हम कुछ स्थानीय भागीदारी से विकास कार्य करने की अपनी पूरी कोशिश कर रहे हैं।

स्वाति ने बताया कि उनके पिता की जमीन पर लाल झंडे वाले लोगों ने कब्जा कर लिया, जिस पर वे एक नई परियोजना शुरू कर रहे थे। लाल झंडे वाले लोगों ने अतिक्रमण को हटाने के लिए पहुंची पुलिस पर पत्थर फेंके और उन्हें लाठी से भी मारा। यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है कि लाल झंडे वाले ये लोग किसी संगठित सशस्त्र समूह, माओवादी, भू-माफिया या किसी बिल्डर साजिश का हिस्सा हैं। उन्होंने बताया कि इस हमले में मेरा परिवार घायल हुआ है। आम आदमी इस तरह के अराजकता करने वाले वातावरण में कैसे रह सकता है।

स्वाति ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से न्यया की गुहार लगा कर कहा कि इस तरह लोगों को उनकी अपनी ही जमीन से बाहर कैसे निकाला जा सकता है? इस प्रकार की घटना बिहार में सामान्य बनती जा रही है। इस पर जल्द से जल्द कार्रवाई और जांच किए जाने की आवश्यकता है। नीतीश कुमार जी को यह जानना चाहिए कि यह वह बिहार नहीं जिसकी हमें चाहत है। यह सुनिश्चित करने में प्रशासन की बहुत बड़ी जवाबदारी होती है कि उनके राज्य में कोई भी असुरक्षित न हो और इस तरह की गुंडा गर्दी न की जाए। इससे पुलिस के काम में भी अरचने आती है।

उन्होंने सीएम से सवाल किए कि लाल झंडे वाले लोग किसी भी जमीन पर कैसे कब्जा कर स्थानीय लोगों को धमकी दे सकते हैं? नीतीश कुमार जी क्या मेरे पिताजी को भागना पड़ेगा? मैं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अपील करती हूं कि वे यहां गुंडा राज को खत्म करने के लिए कोई सामाधान करें।

 

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