बिहार के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) के पद से वायलेंटरी रिटायरमेंट लेकर राजनीति में आए पूर्व आईपीएस गुप्तेश्वर पांडेय को फिलहाल निराशा हाथ लगी है। गुप्तेश्वर पांडेय की सियासी पारी शुरुआत में ही लड़खड़ा गई है। जनता दल यूनाइटेड (जदयू) से उनको टिकट नहीं दिया गया है। बिहार विधानसभा चुनाव के लिए राज्य के सत्तारूढ़ दल द्वारा बुधवार को जारी की गई 115 उम्मीदवारों की सूची में पूर्व डीजीपी का नाम नहीं है।
पांडे पिछले महीने जदयू में शामिल हुए और कयास लगाए जा रहे थे कि वह आगामी बिहार चुनाव के दौरान अपने गृहनगर बक्सर से चुनाव लड़ेंगे। हालांकि, यह सीट भाजपा के परशुराम चतुर्वेदी को आवंटित की गई है। इस बीच, कयास लगाए जा रहे हैं कि पांडे को बाद में राज्य विधान परिषद भेजा जा सकता है।
पांडे ने सुशांत सिंह राजपूत मौत मामले पर अपनी टिप्पणी के लिए कड़ी आलोचना झेली थी। बिहार के पूर्व पुलिस प्रमुख ने 22 सितंबर को भारतीय पुलिस सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का विकल्प चुना था, उन्होंने वीआरएस के लिए आवेदन दिया था जिसको तुरंत ही स्वीकृति मिल गई और तीन दिन बाद जद-यू में शामिल हो गए।