बिगड़ती कानून व्यवस्था, बेरोजगारी, महंगाई और भ्रष्टाचार के विरुद्ध मंगलवार को आरजेडी की ओर से किये प्रदर्शन के दौरान पुलिस पर किये गये पथराव और कथित मारपीट के मामले में पुलिस प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है। इस मामले में गांधी मैदान और कोतवाली में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, तेज प्रताप यादव, जगदानंद सिंह समेत 15 नामजद व तीन हजार अज्ञात कार्यकर्ताओं के विरुद्ध संबंधित क्षेत्र के दंडाधिकारियों की ओर से एफआईआर दर्ज कराई गई है।
वहीं, मारपीट और पथराव के दौरान एक डीएसपी, तीन मजिस्ट्रेट, कोतवाली प्रभारी सुनील कुमार सिंह समेत 18 से अधिक पुलिसकर्मी जख्मी हुये हैं। इनका प्राथमिक उपचार कराया गया है।
दूसरी ओर बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक 2021 को लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जमकर हमला बोला। तेजस्वी ने विधायकों के साथ मारपीट किए जाने का आरोप लगाया है। उन्होंने ट्वीट किया कि राजद विधायक को लोकतंत्र के मंदिर में सादे कपड़ों में मौजूद गुंडा सरकार के नरभक्षी शासकों के गुंडों ने इतना पीटा कि उन्हें स्ट्रेचर पर एम्बुलेंस में लेकर जाना पड़ा। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के आदेश पर हमारी क्रांतिकारी माननीय महिला विधायकों को ब्लाउज़ से पकड़ कर खींचा गया। उनकी साड़ी खुली, धक्का दिया गया, बता नहीं सकने वाली बदसलूकी की गयी लेकिन बीजेपी के चरणों में अपमान का आनंद ले रहे सीएम को शर्म नहीं आती।
तेजस्वी ने एक वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा कि नीतीश कुमार जैसी अनैतिक राजनीति करने वाला, बेशर्म और अलोकतांत्रिक मुख्यमंत्री पूरे देश में नहीं होगा। गुंडा सरकार के मुखिया देखिए कैसे 3 लाख लोगों द्वारा निर्वाचित विपक्षी माननीय विधायक को घसीटवा कर अपनी सरकार की गुंडई को प्रदर्शित करवा रहे हैं।
तेजस्वी ने कहा कि विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक के रूप में काला कानून लाया गया है। तेजस्वी ने कहा कि आज कोई अपराधी अपराध करेगा तो बिना वारंट पुलिस उसे गिरफ्तार कर सकती है, लेकिन इस विधेयक के अनुसार पुलिस केवल विश्वास के आधार पर भी किसी को गिरफ्तार कर सकती है और जितने दिन तक चाहे हिरासत में रख सकती है।
तेजस्वी ने मीडिया के साथ बातचीत में कहा कि इस कानून के माध्यम से सरकार पुलिस को गुंडा बनाना चाहती है। आज पत्रकारों को पीटा गया है। विधेयक पास होने के बाद पुलिस घर में घुसकर लोगों को मारेगी। तेजस्वी ने कहा की मुख्यमंत्री इस विधेयक को लेकर बेवकूफ बना रहे हैं। जब मैं बोलने जा रहा था, तब इस विधेयक पर बोलने नहीं दिया गया।