दिल्ली में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल जातिगत जनगणना के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से साउथ ब्लॉक पहुंचकर मुलाकात की। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी इस प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा रहे। पीएम मोदी से मुलाकात के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी और राजद नेता तेजस्वी यादव ने अपनी-अपनी प्रतिक्रिया दी है।
जातिगत जनगणना को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री ने हमारी पूरी बात सुनी। सबने जातिगत जनगणना के पक्ष में एक-एक बात कही है। उन्होंने हमारी बात को नकारा नहीं है, हमने कहा है कि इस पर विचार करके आप निर्णय लें।
साथ ही, जातिगत जनगणना को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने के बाद राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमारी बात गंभीरता से सुनी है, अब हम लोगों को उनके निर्णय का इंतजार है।
बता दें कि नीतीश कुमार ने गुरुवार को ट्वीट कर मुलाकात की तारीख के बारे में बताया था। नीतीश कुमार ने ट्वीट कर लिखा था, ‘जाति आधारित जनगणना करने के लिए बिहार के प्रतिनिधिमंडल के साथ आदरणीय प्रधानमंत्री से मिलने का समय मांगा था। आदरणीय प्रधानमंत्री का बहुत-बहुत धन्यवाद कि 23 अगस्त को मिलने का उन्होंने समय दिया।” अब यह तय हो गया है कि जातीय जनगणना को लेकर नीतीश कुमार की मुलाकात प्रधानमंत्री से होगी।
नीतीश कुमार के अलावा कैबिनेट मंत्री जनक राम प्रतिनिधिमंडल में भाजपा की बिहार इकाई का प्रतिनिधित्व करेंगे। राजद के तेजस्वी यादव, विजय चौधरी (जदयू), जीतन राम मांझी (हम), मुकेश साहनी (वीआईपी), अजीत शर्मा (कांग्रेस), अख्तरुल इमाम (एआईएमआईएम), महबूब अल (सीपीआई-एमएल), सूर्यकांत पासवान और अजय कुमार भी प्रधानमंत्री से मिलने वाले प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा रहे।
पिछले दिनों संसद के मॉनसून सत्र में इस मुद्दे पर विपक्षी सांसदों ने आवाज उठाई थी। संविधान (127वां संशोधन) विधेयक 2021 पर चर्चा के दौरान, विपक्ष के कई नेताओं ने कहा कि जाति आधारित जनगणना होनी चाहिए और आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीलिंग खत्म की जानी चाहिए। हालांकि अभी तक केंद्र सरकार इस मांग को मानने से कतराती रही है। 20 जुलाई को लोकसभा में लिखित प्रश्न के जवाब में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा था कि 'भारत सरकार ने नीतिगत स्तर पर SCs और STs के अलावा जाति आधारित जनगणना ना करने का फैसला किया है।'
नीतीश ने जाति आधारित जनगणना के मसले पर बैठक के लिए राजद नेता तेजस्वी यादव की मांग पर पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था। तेजस्वी यादव और लालू प्रसाद देश में जाति आधारित जनगणना की मांग करते रहे हैं। जाति आधारित जनगणना पर नीतीश कुमार पहले ही कह चुके हैं कि वे बिहार में होने वाली जाति आधारित जनगणना पर फैसला लेंगे, लेकिन पहले वह पीएम नरेंद्र मोदी के फैसले का इंतजार करेंगे। जदयू के दूसरे नेता पहले ही कह चुके हैं कि बिहार सरकार जाति आधारित जनगणना अपने दम पर कराने में सक्षम है।