बिहार में जहरीली शराब से हुई मौत का मामला सुप्रीम कोर्ट तक जा पहुंचा है। जहरीली शराब त्रासदी की जांच विशेष जांच दल (एसआईटी) से कराने का अनुरोध करने वाली एक याचिका कोर्ट में दायर की गई है। बता दें कि जहरीली शराब से अबतक 28 लोगों की जान जा चुकी है।
प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा की पीठ के समक्ष इस याचिका का जिक्र इसे तत्काल सूचीबद्ध किए जाने के लिए कहा गया है।
पीठ ने मामले का उल्लेख करने वाले अधिवक्ता पवन प्रकाश पाठक से कहा कि याचिकाकर्ता को मामले को सूचीबद्ध करने के लिए उचित प्रक्रिया से गुजरना होगा।
बता दें कि दो सप्ताह के शीतकालीन अवकाश से पहले शीर्ष अदालत के लिए शुक्रवार अंतिम कार्य दिवस है। शीर्ष अदालत 2 जनवरी को फिर से खुलेगी।
सारण जिले के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि बिहार जहरीली शराब त्रासदी में दो और लोगों की मौत के साथ मरने वालों की संख्या बढ़कर 28 हो गई है। सारण के जिलाधिकारी (डीएम) राजेश मीणा ने न्यूज़ एजेंसी पीटीआई को बताया, "जिले में संदिग्ध जहरीली शराब से मरने वालों की संख्या बढ़कर 28 (गुरुवार रात तक) हो गई है।"
डीएम ने कहा कि संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है। इस बीच, बिहार में विपक्षी भाजपा ने शुक्रवार को राज्य सरकार पर जहरीली शराब त्रासदी में मरने वालों की कुल संख्या को दबाने का आरोप लगाया।
गौरतलब है कि अप्रैल 2016 में नीतीश कुमार सरकार द्वारा बिहार में शराब की बिक्री और खपत पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया था।