पटना हाईकोर्ट ने गुरुवार को आरजेडी विधायक तेजप्रताप यादव की सदस्यता को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई की। बिहार में सत्तारूढ़ जद (यू) के एक समर्थक ने पटना हाईकोर्ट का रुख किया था। जिसमें हसनपुर विधानसभा से निर्वाचन को चुनौती दी गई थी।
न्यायमूर्ति बीरेंद्र कुमार की एकलपीठ ने विजय कुमार यादव द्वारा दायर चुनाव याचिका पर सुनवाई करते हुए दोनों से पक्ष रखने का आदेश दिया है। इसकी अगली सुनवाई 2 सितंबर को होगी। जिसमें आगे की सुनवाई के मुद्दे तय किए जाएंगे।
याचिकाकर्ता विजय कुमार यादव ने आरोप लगाया था कि तेज प्रताप यादव ने 2020 के विधानसभा चुनाव में समस्तीपुर के हसनपुर निर्वाचन क्षेत्र से अपने नामांकन पत्र में अपनी चल और अचल संपत्ति से संबंधित गलत जानकारी प्रस्तुत की थी।
यादव ने कहा कि तेजप्रताप ने नामांकन पत्र में संपत्ति की गलत जानकारी दी थी। यह चुनाव आयोग और प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवारों को धोखा और गुमराह कर रहा है। इसलिए, मैंने अदालत से उनकी सदस्यता रद्द करने और जद (यू) के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले अपने प्रतिद्वंद्वी राजकुमार राय को विजयी घोषित करने का अनुरोध किया है।
तेज प्रताप यादव के वकील जगन्नाथ सिंह ने कहा, "याचिकाकर्ता ने तेज प्रताप यादव को चुनौती देने के लिए जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 100 के तहत मामला दर्ज किया है। हम गहन अध्ययन के बाद जवाब दाखिल करेंगे।"