बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने गुरुवार को एक बार फिर आरोप लगाया कि राज्य में कोरोना की फर्जी जांच दिखाकर सत्तारूढ़ दल के नेताओं और अधिकारियों ने अरबों रुपए की बंदरबांट की है ।
यादव ने यहां कहा कि वह पहले ही बिहार में कोरोना घोटाले की भविष्यवाणी कर रहे थे । जब उन्होंने घोटाले का डेटा सार्वजनिक किया था तब मुख्यमंत्री ने हमेशा की तरह इसे नकार दिया था लेकिन अब उनकी बात को एक अंग्रेजी दैनिक ने सत्य साबित कर दिया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने आंकड़े नहीं बदलने पर तीन स्वास्थ्य सचिवों का तबादला कर एंटीजन टेस्ट का ऐसा 'अमृत' मंथन किया कि 7 दिनों में प्रतिदिन टेस्ट का आंकड़ा 10 हजार से एक लाख और 25 दिनों में 2 लाख पार करा दिया।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि यह साफ हो गया है कि सरकारी दावों के उलट कोरोना टेस्ट हुए ही नहीं और मनगढ़ंत टेस्टिंग दिखा अरबों का हेर-फेर कर दिया। उन्होंने जब सरकार को जमीनी सच्चाई से अवगत कराया तब मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री बड़े अहंकार से दावे करते थे कि बिहार में सही टेस्ट हो रहे हैं। टेस्टिंग के झूठे दावों के पीछे का असली खेल अब सामने आया है कि फर्जी टेस्ट दिखाकर नेताओं और अधिकारियों ने अरबों रुपयों की बंदरबांट की है।
श्री यादव ने कहा,"अहंकारी सरकार और उसके मुखिया न जनता की सुनते हैं, न जनप्रतिनिधियों की और न विपक्ष की । क,ख,ग,घ के विश्वविख्यात ज्ञाता नीतीश कुमार को मैंने विगत अगस्त में सदन में सबूत सहित आंकड़े दिए थे, लेकिन वो सुनेंगे क्यों? सुनेंगे तो उनका भ्रष्टाचार रुक जाएगा और नुकसान होगा।"