आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दावा किया कि उन्हें दिल्ली में शासन के लिए नोबेल पुरस्कार मिलना चाहिए। इस बयान पर बीजेपी ने तीखा हमला बोला। दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने 9 जुलाई 2025 को इसे ‘हास्यास्पद’ करार देते हुए कहा कि केजरीवाल को ‘भ्रष्टाचार, अराजकता और अक्षमता’ के लिए पुरस्कार मिल सकता है। यह बयान केजरीवाल ने चंडीगढ़ में ‘केजरीवाल मॉडल’ पुस्तक के पंजाबी संस्करण के विमोचन के दौरान दिया।
केजरीवाल ने कहा कि उपराज्यपाल द्वारा बाधाओं के बावजूद उनकी सरकार ने मुफ्त बिजली, पानी, बेहतर स्कूल और अस्पताल जैसे काम किए। उन्होंने दावा किया कि उनकी सरकार ने भ्रष्टाचार रोका और जनता का पैसा बचाया। साथ ही, उन्होंने मौजूदा बीजेपी सरकार पर दिल्ली में सेवाएं ‘ठप’ करने का आरोप लगाया।
बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने सवाल किया कि केजरीवाल को नोबेल पुरस्कार किस लिए मिलना चाहिए—जल बोर्ड घोटाला, मोहल्ला क्लिनिक, शिक्षा क्षेत्र में कथित घोटाले, यमुना में प्रदूषण या ‘शीशमहल’ के लिए? उन्होंने कहा कि केजरीवाल ने दिल्ली को लूटा और जनता ने उन्हें नकार दिया। छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने भी उनकी टिप्पणी को आलोचना का पात्र बताया।
आप ने पलटवार करते हुए बीजेपी पर नाम पुकारने के बजाय दिल्ली में शासन पर ध्यान देने को कहा। आप के दिल्ली अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने कहा कि बीजेपी को अब काम करना चाहिए, न कि बहाने बनाना चाहिए। बीजेपी ने केजरीवाल के कार्यकाल में कथित घोटालों जैसे शीशमहल, शराब नीति, और पेंशन योजनाओं का जिक्र किया। कुछ नेटिजन्स ने भी उनकी टिप्पणी को ‘हास्यास्पद’ बताया और इसे डोनाल्ड ट्रम्प की शैली से जोड़ा।
यह विवाद दिल्ली की सियासत को गरमा रहा है, जहां केजरीवाल के शासन मॉडल और बीजेपी की आलोचनाओं ने बहस को तेज कर दिया है।