ब्रिटिश रॉयल नेवी का F-35B लाइटनिंग II लड़ाकू विमान तिरुवनंतपुरम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर फंसा हुआ है। 14 जून 2025 को इसने खराब मौसम और कम ईंधन की वजह से आपातकालीन लैंडिंग की थी। बाद में इसके हाइड्रॉलिक सिस्टम और स्टार्टिंग सिस्टम में खराबी आ गई। न्यूज18 की रिपोर्ट के अनुसार, इसे मौके पर ठीक करना संभव नहीं है। अब ब्रिटिश नेवी इसे ले जाने के लिए बड़ा विमान भेजेगी।
यह विमान HMS प्रिंस ऑफ वेल्स विमानवाहक पोत का हिस्सा था। यह भारत और ब्रिटेन की नौसेना के संयुक्त अभ्यास के बाद वापस लौट रहा था। भारतीय वायुसेना (IAF) ने इसके लिए लैंडिंग की अनुमति दी और लॉजिस्टिक मदद दी। विमान को IAF के एकीकृत वायु कमांड और कंट्रोल सिस्टम ने ट्रैक किया था।
शुरुआत में ब्रिटेन ने एयर इंडिया के हैंगर में विमान ले जाने की पेशकश ठुकरा दी थी। इसका कारण इसकी संवेदनशील तकनीक को सुरक्षित रखना था। अब ब्रिटेन ने इसे मेंटेनेंस, रिपेयर और ओवरहॉल (MRO) हैंगर में ले जाने की मंजूरी दी है। इसके लिए 40 विशेषज्ञों की टीम और विशेष टो वाहन यूके से आ रहा है।
विमान को केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) की निगरानी में रखा गया है। यह मॉनसून की बारिश में खुले में खड़ा था, जिससे इसकी स्थिति पर सवाल उठे। तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डा प्राधिकरण ने ब्रिटेन से पार्किंग और हैंगर शुल्क लेने की बात कही है।
F-35B दुनिया का सबसे उन्नत और महंगा लड़ाकू विमान है। यह लॉकहीड मार्टिन द्वारा बनाया गया है और इसमें शॉर्ट टेकऑफ और वर्टिकल लैंडिंग (STOVL) की खासियत है। अगर मरम्मत नहीं हुई, तो इसे सैन्य परिवहन विमान से यूके ले जाया जाएगा।
ब्रिटिश हाई कमीशन ने भारत की मदद की सराहना की। उन्होंने कहा, “भारत और यूके की सेनाओं के बीच सहयोग इस घटना से और मजबूत हुआ है।” यह घटना भारत में पहली बार किसी F-35B के फंसने की है।