सात साल की मासूम कोमल को नहीं मालूम था कि उसकी मां के साथ आज उसका अंतिम दिन होगा। अचानक जमीन धंसी और मां जमीन के भीतर समा गई। वह जब तक माजरा समझती खेल खत्म हो चुका था। मां तो शौच के लिए आई थी, वह उसके साथ आई थी। ज्यों ही हादसा हुआ उसने शोर मचाया। लोग भी पहुंचे, मगर तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
धनबाद के झरिया के बीसीसीएल के कुसुंडा एरिया की यह घटना है। भीतर कोयले की धधकती आग के कारण झरिया का बड़ा इलाका रहने के लिए असुरक्षित घोषित कर दिया गया है। आये दिन जमीन का धंसना, सड़क और करीबी इलाकों में गोफ यानी सुरंग की तरह पैदा हो जाना असामान्य नहीं है। कभी जमीन की दरार से आग, गैस और धुएं निकलते हैं तो कभी मकान धंस जाता है। विस्थापन भी बड़ी समस्या है। जान की कीमत पर भी घर छोड़ने का मोह लोग भी नहीं त्याग पाते।
तीस साल की कल्याणी भी सुबह भू धंसान वाले इलाके विश्वकर्मा परियोजना के पास शौच के लिए गई थी। अचानक जमीन धंसने से उसने समाधिक ले ली। एक घंटे के कठिन परिश्रम के बाद शव को बाहर निकाला जा सका। बताया जाता है कि महिला जली नहीं थी, जगहरीले गैस के कारण उसकी मौत हुई होगी। कोई डेढ़-दो फीट के व्यास में गड्ढा हुआ और कल्याणी धंसती चली गई। उसके पति दिलीप बाउरी, दिहाड़ी मजदूर हैं।
अभी भी हजारों परिवार खतरे से खेलते हुए भीतर के कोयले के जलने से खोखली हो चुकी जमीन पर रह रहे हैं। इसी साल जून महीने में धनबाद के डीसी ने अति भू धंसान एरिया के दो हजार से अधिक परिवारों को जल्द शिफ्ट करने का निर्देश दिया था। और भी हजारों परिवार हैं जिन्हें दूसरी जगह बसाने की जरूरत है। झरिया के बीसीसीएल पीबी एरिया में 2018 में जमीन में दरार पड़ने से एक घर धंस गया और दर्जनों घरों में दरार पड़ गया था। पिछले साल बीसीसीएल के रजवार एरिया में बड़ा इलाका धंस गया था, कई घरो में दरार पड़ गया । 2017 में झरिया के अलकडीहा में ऑटो मेकेनिक अपनी दुकान खोल रहा था कि अचानक जमीन धंसने से 10 साल के रहीम और उसे बचाने की कोशिश में पिता बबलू खान गोफ में समा गये थे। भीतर आग थी और 50 फीट का रस्सी भी छोटा पड़ गया था। इस तरह की घटनाएं झरिया में होती रहती हैं।
कुदरत का क्रूर मजाक: 7 साल की कोमल के सामने मां मिनटों में जमीन में समा गई, झारखंड में दर्दनाक हादसा
सात साल की मासूम कोमल को नहीं मालूम था कि उसकी मां के साथ आज उसका अंतिम दिन होगा। अचानक जमीन धंसी और मां...
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