बंबई उच्च न्यायालय ने सोमवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी से एलगार परिषद-माओवादी संबंध मामले में आरोपी कार्यकर्ता गौतम नवलखा की जमानत याचिका पर जवाब मांगा।
सितंबर में मामले की अध्यक्षता कर रही विशेष एनआईए अदालत द्वारा उनकी याचिका खारिज किए जाने के बाद उन्होंने जमानत के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।
याचिका पहली बार सोमवार को जस्टिस एएस गडकरी और पीडी नाइक की खंडपीठ के समक्ष सूचीबद्ध की गई थी।
पीठ ने आरोपी की जमानत याचिका पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी को नोटिस जारी किया। मामले को नियत समय में सुनवाई के लिए पोस्ट किया जाएगा।
विशेष न्यायाधीश ने नवलखा को जमानत देने से इनकार करते हुए कहा था कि एनआईए द्वारा दायर चार्जशीट में कार्यकर्ता के खिलाफ "पर्याप्त सामग्री" है। एनआईए अदालत ने कहा था कि वह प्रथम दृष्टया कथित अपराध से जुड़ा है।
नवलखा को 28 अगस्त, 2018 को मामले में उनकी कथित संलिप्तता के लिए गिरफ्तार किया गया था और वर्तमान में चिकित्सा आधार पर एक महीने के लिए घर में नजरबंद हैं।
यह मामला 31 दिसंबर, 2017 को पुणे के शनिवारवाड़ा में आयोजित एल्गार परिषद सम्मेलन में दिए गए कथित भड़काऊ भाषणों से संबंधित है, जिसके बारे में पुलिस ने दावा किया कि अगले दिन पास में स्थित कोरेगांव भीमा युद्ध स्मारक के पास हिंसा भड़क गई। पुणे पुलिस ने यह भी दावा किया था कि सम्मेलन माओवादियों द्वारा समर्थित था।
एनआईए ने बाद में मामले की जांच अपने हाथों में ले ली, जिसमें एक दर्जन से अधिक कार्यकर्ताओं और शिक्षाविदों को आरोपी बनाया गया है।
एल्गार परिषद मामला: गौतम नवलखा की जमानत याचिका पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने NIA को नोटिस किया जारी
बंबई उच्च न्यायालय ने सोमवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी से एलगार परिषद-माओवादी संबंध मामले में आरोपी...
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