भारतीय मीडिया और मनोरंजन उद्योग में काम करने वाले 36 विभिन्न क्षेत्रों के श्रमिकों, तकनीशियनों और कलाकारों का प्रतिनिधित्व करने वाले संगठन ने कहा कि किसी ऐसे देश की सामग्री को भारतीय दर्शकों द्वारा व्यापक रूप से देखने की अनुमति देना भारत के सर्वोत्तम हित में नहीं है जो इसकी क्षेत्रीय अखंडता का समर्थन नहीं करता है।
फ्वाइस ने सूचना और प्रसारण मंत्रालय से भी भारतीय ओटीटी मंचों पर तुर्किए के टेलीविजन शो और फिल्मों की स्ट्रीमिंग का बहिष्कार करने या उन्हें प्रतिबंधित करने के लिए आवश्यक कार्रवाई करने पर विचार करने का आग्रह किया।
उसने कहा, ‘‘ऐसा कदम न केवल वैश्विक स्तर पर एक मजबूत संदेश भेजेगा बल्कि भारतीय सामग्री के प्रचार को भी प्रोत्साहित करेगा और हमारे घरेलू मनोरंजन उद्योग के बड़े कार्यबल का समर्थन करेगा। हमें उम्मीद है कि मंत्रालय इस मामले को गंभीरता से लेगा और राष्ट्रीय हित में उचित कदम उठाएगा।’’
तुर्किए के ड्रामा आधारित शो मसलन ‘बिनबीर गेस’, ‘एज द क्रो फ्लाइज’, ‘अनदर सेल्फ’, ‘याबानी’, ‘तेरजी’, ‘इथोस’ और ‘क्रीचर’ ने 2000 के दशक की शुरुआत में भारत में लोकप्रियता हासिल की थी।
ताजा घटनाक्रम तुर्किए द्वारा पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की आलोचना करने के बाद सामने आया है।
पाकिस्तान ने सैन्य संघर्ष में भारत के खिलाफ तुर्किए के ड्रोन का इस्तेमाल किया था।