पाकिस्तान ने अपने सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर को फील्ड मार्शल के पद पर पदोन्नत किया है, जो देश की सैन्य इतिहास में केवल दूसरी बार हुआ है। इससे पहले 1959 में जनरल अयूब खान को यह पदवी मिली थी, जिन्होंने बाद में सैन्य तख्तापलट कर देश की सत्ता संभाली थी।
यह पदोन्नति भारत के साथ हालिया सैन्य तनाव के बाद हुई है, जिसमें 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत के बाद दोनों देशों के बीच संघर्ष बढ़ गया था। भारत ने इसके जवाब में "ऑपरेशन सिंधूर" के तहत पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों पर हवाई हमले किए थे।
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में मुनीर की पदोन्नति को मंजूरी दी गई। सरकार ने इसे "शत्रु को परास्त करने" और "राष्ट्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने" में उनके "उत्कृष्ट नेतृत्व" के लिए सम्मानित किया है।
हालांकि, कुछ विश्लेषकों का मानना है कि यह पदोन्नति पाकिस्तान में सैन्य शक्ति के बढ़ते प्रभाव को दर्शाती है और अतीत में सैन्य शासन की ओर इशारा करती है। अयूब खान के बाद, जनरल जिया-उल-हक और परवेज मुशर्रफ जैसे सेना प्रमुखों ने भी सत्ता संभाली थी।
जनरल असीम मुनीर की यह पदोन्नति पाकिस्तान की राजनीति और सैन्य संबंधों में एक महत्वपूर्ण मोड़ के रूप में देखी जा रही है, जो देश के भविष्य की दिशा को प्रभावित कर सकती है।