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अमृतसर जेल में जन्मी पाकिस्तानी बच्ची अपने वतन रवाना, ये था मामला

अमृतसर जेल में 2006 में जन्मी पाकिस्तानी बच्ची हिना गुरुवार को अपने वतन लौट रही है। हिना को अपनी मां और...
अमृतसर जेल में जन्मी पाकिस्तानी बच्ची अपने वतन रवाना, ये था मामला

अमृतसर जेल में 2006 में जन्मी पाकिस्तानी बच्ची हिना गुरुवार को अपने वतन लौट रही है। हिना को अपनी मां और मौसी के साथ पाकिस्तान जाने की इजाजत मिल गई है। पिछले 10 साल से जेल में बंद फातिमा, बहन मुमताज और 11 साल की बेटी हिना के लिए आज का दिन जन्नत जैसा है। इतने सालों के बाद उन्हें अपना वतन और परिवार नसीब होने जा रहा है।

जेल में जन्मी मासूम हिना के लिए वतन पहुंचना एक सपने जैसा है। इन तीनों को वतन पहुंचाने के लिए अमृतसर की वकील नवजोत कौर चब्बा ने अहम भूमिका निभाई है। न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक, 11 साल की हिना को मां फातिमा और मौसी मुमताज के साथ अमृतसर जेल से 2 नवंबर को रिहा कर दिया गया, जिसमें एक दशक पहले तस्करी के आरोपों में इन्हें गिरफ्तार किया गया था।

 


अमृतसर जेल से रिहाई के बाद पाकिस्तानी नागरिक फातिमा ने पीएम मोदी को धन्यवाद भी कहा। फातिमा बोलीं, ‘पीएम मोदी को हमारे मामले पर ध्यान देने को कहा गया था, हम उनका धन्यवाद देते हैं और भारत को सलाम करते हैं।

 


इससे पहले वकील चब्बा ने बताया थ्‍ाा कि केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय की तरफ से उन्हें जानकारी दी गई है कि दो नवंबर को फातिमा उसकी बहन मुमताज और बेटी हिना को अटारी बार्डर के लिए रवाना कर दिया जाएगा। चब्बा ने बताया कि गुरुवार को भारत सरकार अटारी सीमा के रास्ते कुल 18 पाकिस्तानी नागरिकों को रिहा करने जा रही है।  

क्या है मामला

साल 2006 में फातिमा और उसकी बहन मुमताज समझौता एक्सप्रेस से भारत पहुंची थी। कस्टम विभाग ने तलाशी के दौरान अटारी रेलवे स्टेशन पर दोनों के कब्जे से हेरोइन बरामद की थी। दोनों महिलाओं का कहना था कि उन्हें किसी ने यह सामान भारत पहुंचाने के लिए दिया था, उन्हें पता नहीं था कि सामान में हेरोइन छिपाकर रखी हुई थी।

कोर्ट में सुनवाई के दौरान दोनों महिलाओं को दस-दस साल कैद और चार लाख रुपये आर्थिक दंड की सजा सुनाई गई थी। इस बीच फातिमा ने जेल में एक बच्ची (हिना) को जन्म दिया। सजा पूरी करने के बाद भी तीनों की रिहाई नहीं हो पा रही थी। क्योंकि अदालत ने सजा के साथ आर्थिक दंड की सजा भी सुनाई थी। वकील नवजोत कौर चब्बा ने एक समाज सेवी संस्था से मिलकर 4 लाख रुपये आर्थिक दंड का भुगतान भी करवा दिया था, लेकिन पाक नागरिकता के चलते उनकी रिहाई नहीं हो रही थी।

सारी कानूनी प्रक्रियाएं पूरी होने पर भी रिहाई नहीं हो पाने पर वकील चब्बा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मामले के हालात को लेकर पत्र लिखा था। पीएमओ से 17 अक्टूबर 2017 को जारी एक पत्र में वकील चब्बा को जवाब दिया गया कि तीनों कैदियों की रहाई 2 नवंबर को की जाएगी।

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