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आखिर तोगड़िया को किसका डर!

आखिर ऐसा क्या हो गया कि 2006 में विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया पर से मुकदमा...
आखिर तोगड़िया को किसका डर!

आखिर ऐसा क्या हो गया कि 2006 में विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया पर से मुकदमा वापस लेने वाली राजस्थान की वसुंधरा सरकार को उन्हें गिरफ्तार करने के लिए पुलिस भेजनी पड़ी। पिछले दिनों भुवनेश्वर में उनका फिर से विहिप का अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष चुना जाना भी कुछ और इशारे करता है। संघ और भाजपा से जुड़े लोग नहीं चाहते थे कि वह फिर से इस पद के लिए दावा करें पर तोगड़िया नहीं माने। वह पीछे नहीं हटे तब संघ को उन्हें जिम्मेदारी देना स्वीकार करना पड़ा। इन सब के बीच उन पर पिछले कुछ दिनों में कई वारंट तक जारी हुए। 1998 के एक मामले में 2017 में वारंट जारी हुआ और वे कोर्ट में पेश भी हुए। इसके बाद गंगापुर का वारंट आया। फिर एक और वारंट हरियाणा से भी भेजा गया। कुल मिलाकर कहा जाए तो उनके खिलाफ एक के बाद एक कई पुराने मामले खोले जा रहे हैं।

तोगड़िया को गिरफ्तार करने के लिए 14 जनवरी को अहमदाबाद में राजस्थान पुलिस की टीम उनके घर पहुंची थी। बकौल तोगड़िया, वे ऑटो से घर से निकल गए थे। उन्होंने राज्य की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया से बात की तो इन दोनों ने इस बात से अनभिज्ञता जताई कि राजस्थान की पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने के लिए गुजरात गई है।


इसके बाद तोगड़िया ने अपना फोन स्विच ऑफ कर लिया और गायब हो गए। इसके बाद जब वे मिले तो एक अस्पताल में बेहोशी की हालत में। फिर जब आज जब मीडिया के सामने आए तो काफी तीखे बोल लेकर। उन्होंने तो इतना तक कह दिया कि मेरा एनकाउंटर तक करा दिया जा सकता है। लेकिन मैं डरने वाला नहीं हूं। इस मामले पर आउटलुक ने जब विश्व हिंदू परिषद के संयुक्त महामंत्री सुरेंद्र जैन से बात की तो उन्होंने कहा कि प्रवीण तोगड़िया उनके संगठन के कार्यकारी अध्यक्ष हैं इसलिए उनके बयान पर वह कोई टिप्पणी नहीं कर सकते। यानी साफ है कि तोगड़िया को इस बात का एहसास है कि सरकार भले ही भाजपा की हो पर उनके प्रति सरकार का रवैया ठीक नहीं है।

समर्थन में आए हार्दिक और वंजारा

इसका राजनीतिकरण भी होना ही था। और हुआ भी ऐसा ही। पटेलों के युवा नेता हार्दिक पटेल उनसे मिलने पहुचे। गुजरात के पूर्व डीजीपी डीजी वंजारा ने भी उनसे भेंट की। इन दोनों ने तोगड़िया के प्रति समर्थन जताया। हार्दिक पटेल ने मुलाकात के बाद कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह मिलकर प्रवीण तोगड़िया के खिलाफ साजिश रच रहे हैं। उन्होंने कहा कि तोगड़िया और वे किसानों का मुद्दा उठाते रहे हैं लेकिन हमारे खिलाफ साजिश की जा रही है। इससे पहले सोमवार को भी हार्दिक ने ट्वीट में कहा था कि जेड प्लस सिक्यॉरिटी होने के बावजूद प्रवीण तोगड़िया जी गायब हो जाते हैं। सोचने की बात है कि आम आदमी का क्या हो सकता है। प्रवीण तोगड़िया जी ने पहले भी कहा था कि उनकी जान को खतरा है।



एक अन्य ट्वीट में मोदी और भाजपा पर तंज कसते हुए हार्दिक ने कहा, 'मनमोहन सिंह जी की सरकार में प्रवीण तोगड़िया जी अगर लापता हो जाते, तो भाजपा पूरे देश में हिंसा कर देती। भक्तों को जो बोलना है वे बोल सकते है, क्योंकि इस मुद्दे पर अगर नहीं बोले तो साहब तनख्वाह नहीं देंगे।' 

इससे पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रवीण तोगड़िया ने कहा कि कुछ समय से मेरी आवाज दबाने का प्रयास होता रहा, मैं हिंदू एकता के लिए प्रयास करता रहा। कई वर्षों से हिंदुओं की जो आवाज थी, राम मंदिर-गोहत्या का कानून, कश्मीरी हिंदुओं को बसाने की मांग की। तोगड़िया ने कहा कि मुझे डराने की कोशिश की जा रही है। मकर संक्रांति के दिन राजस्थान पुलिस का काफिला मुझे गिरफ्तार करने के लिए आया था, यह हिंदुओं की मेरी आवाज दबाने का हिस्सा है।

राजस्थान में त्रिशूल बांटने के दौरान हुई थी गिरफ्तारी

तोगड़िया सर्जरी तो करते ही हैं, लोगों को त्रिशूल बांटने के लिए भी जाने जाते हैं। अप्रैल 2003 में वह बजरंग दल के कार्यकर्ताओं को त्रिशूल बांटने के बाद गिरफ्तार किए गए थे। उस समय राजस्थान में कांग्रेस की सरकार थी और अशोक गहलोत मुख्यमंत्री थे। यहां त्रिशूल बांटना प्रतिबंधित था। लेकिन तोगड़िया ने विहिप, बजरंग दल और शिवसेना के 650 कार्यकर्ताओं को त्रिशूल दीक्षा दी। गिरफ्तारी के अलावा उन पर मुकदमा भी हुआ। बाद में 2006 में वसुंधरा राजे के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बनने के बाद मुकदमा वापस ले लिया गया।

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