नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का दिल्ली की सीमाओं पर लगातार 15वें दिन आंदोलन जारी है। किसानों ने सरकार के प्रस्ताव को ठुकराते हुए आंदोलन को और तेज करने की चेतावनी दी है। गुरुवार को कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसान ठंड में बैठे हैं, यह हमारे लिए चिंता की बात है। सरकार हर आपत्ति पर बातचीत के लिए तैयार है। किसान जब भी चाहें हम चर्चा के लिए तैयार है।
कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों के हित में कानून बनाया गया है। सरकार एमएसपी पर लिखित आश्वासन देने के लिए तैयार हैं। किसान संगठन सरकार के प्रस्ताव पर विचार करें। उन्होंने कहा कि हम किसानों की चिंताओं को दूर करने के लिये उनके सुझावों की प्रतीक्षा करते रहे, लेकिन वे कानूनों को वापस लेने पर अड़े हैं।
तोमर ने कहा कि कृषि बिल किसान की आजादी है। वन नेशन-वन मार्किट से अब किसान अपनी फसल कहीं भी, किसी को और किसी भी कीमत पर बेच सकते हैं। अब किसान किसी पर भी निर्भर रहने के बदले बड़ी खाद्य उत्पादन कंपनियों के साथ पार्टनर की तरह जुड़कर ज्यादा मुनाफा कमा पायेगा।
नए कृषि कानूनों में संशोधन करने के सरकार के प्रस्ताव को किसान नेताओं ने बुधवार को खारिज कर दिया था और आंदोलन को तेज करने की बात कही थी। किसानों ने कहा कि वे शनिवार को जयपुर-दिल्ली और दिल्ली-आगरा एक्सप्रेस-वे को बंद करेंगे तथा आंदोलन को तेज करते हुए 14 दिसंबर को राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन करेंगे।