एयरसेल-मैक्सिस डील मामले में पटियाला हाउस कोर्ट ने कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम की गिरफ्तारी पर रोक 6 मई तक बढ़ा दी है। वहीं, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मामले की सुनवाई चार सप्ताह के लिए स्थगित करने की मांग की, क्योंकि उसे सिंगापुर से लेटर्स रोजेटरी की प्रतिक्रिया का इंतजार है।
इससे पहले कोर्ट ने 26 अप्रैल तक गिरफ्तारी पर रोक लगाई थी। पिछली सुनवाई के दौरान जांच एजेंसी की ओर से कहा गया था कि आरोपी जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। यूके और सिंगापुर से जांच से संबंधित दस्तावेज मांगे गए हैं। ईडी और सीबीआई पी चिदंबरम और कार्ति चिदंबरम की अग्रिम जमानत का लगातार विरोध कर रही है। जांच एजेंसी का कहना है कि जांच आगे बढ़ाने और आरोपियों से पूछताछ करने के लिए हिरासत चाहिए। ऐसे में आरोपियों की गिरफ्तारी पर लगी रोक को हटाया जाए।
जांच एजेंसी ने लगाई थी फटकार
कोर्ट ने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए अब तक सरकारी अनुमति न लेने पर जांच एजेंसी सीबीआई और ईडी को फटकार लगाई थी। कोर्ट ने जांच एजेंसियों को फटकार लगाते हुए कहा था कि अगर मामले की अगली सुनवाई तक चार्जशीट में दर्ज नामों के खिलाफ सरकार से कार्रवाई के लिए इजाजत नहीं मिली तो अदालत जांच एजेंसियों की तरफ से दायर चार्जशीट पर संज्ञान नहीं लेगी। हालाकि पिछली सुनवाई में पी चिदंबरम पर मुकद्दमा चलाने के लिए केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी थी।
सीबीआई ने दायर की थी चार्जशीट
सीबीआई ने पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम को आरोपी बनाते हुए उनके खिलाफ पटियाला हाउस कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी। इसमें कहा गया था कि पी चिदंबरम ने वित्त मंत्री रहते हुए अपनी पावर का गलत इस्तेमाल किया। उनकेखिलाफ आईपीसी की धारा 120 बी और पीसी एक्ट की धारा 7, 1213 (2) के तहत चार्जशीट दाखिल की गई है। मामले में कुल 18 लोगों को आरोपी बनाते हुए उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई थी जबकि ईडी ने कार्ति चिदंबरम के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी।
ये है मामला
सीबीआई की ओर से दाखिल चार्जशीट के अनुसार, मैक्सिस की सहायक कंपनी ग्लोबल कम्यूनिकेशन सर्विसेज होल्डिंग्स लिमिटेड ने एयरसेल में 800 मिलियन डॉलर के निवेश के लिए मंजूरी मांगी थी। आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी इस मामले में अनुमति के लिए सक्षम थी। हालांकि तत्कालीन वित्त मंत्री चिदंबरम ने इसके लिए अनुमोदन किया था। इस मामले में कार्ति चिदंबरम के शामिल होने का आरोप है।