नशे की हालत में विमान उड़ाने वाले एयर इंडिया के कैप्टन अरविंद कठपलिया को तत्काल प्रभाव से डायरेक्टर ऑपरेशन के पद से हटा दिया गया है। इससे पहले नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने अरविंद पर तीन साल तक के लिए उड़ान भरने पर रोक लगा दी थी। अरविंद पर यह कार्रवाई इसलिए की गई क्योंकि बीते हुए रविवार में उनको ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट में फिर पॉजिटिव पाया गया था। जिसके तुरंब बाद उनकी उड़ान पर रोक लगाई गई और दूसरे पायलट को विमान उड़ाने के लिए बुलाया गया।
रविवार को कैप्टन कठपलिया एयर इंडिया की दिल्ली-लंदन फ्लाइट (एआइ-111) उड़ाने जा रहे थे। ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट पॉजिटिव पाए जाने के बाद दूसरे पायलट को उनकी जगह बुलाया गया जिससे उड़ान में 55 मिनट का विलंब हुआ और यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
पहले के बाद कठपलिया का दूसरा टेस्ट भी रहा पॉजिटिव
पहले टेस्ट में पॉजिटिव पाए जाने के बाद कठपलिया का दूसरा टेस्ट किया गया लेकिन उसमें भी वही परिणाम आया।
कठपलिया ने पहले भी की थी ऐसी हरकत
इससे पहले 19 जनवरी, 2017 को उन्हें दिल्ली-बंगलूर उड़ान से पूर्व ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट में पॉजिटिव पाया गया था। परिणामस्वरूप उनका कॉमर्शियल पायलट लाइसेंस तीन महीने के लिए निलंबित कर दिया गया था। उस समय ब्लड सेंपल न देने तथा जांच में बाधा पैदा करने के कारण उनके विरुद्ध एफआइआर भी दर्ज की गई थी। खास बात यह है कि कैप्टन कठपलिया एयर इंडिया बोर्ड के सदस्य (निदेशक-आपरेशंस) भी हैं।
सड़क और रेल की तरह नागरिक विमानन नियम-24 के अनुसार, चालक के शराब पीकर विमान उड़ाने या इसका प्रयास करने को सुरक्षा के लिहाज से भयानक जोखिम माना जाता है। इसके लिए उड़ान से 12 घंटे पहले से लेकर उड़ान खत्म होने तक शराब पीने की मनाही होती है तथा पुष्टि के लिए ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट किया जाता है।
तीसरी बार पकड़े जाने पर लाइसेंस रद्द हो जाता है
पहली बार पॉजिटिव पाए जाने पर लाइसेंस तीन माह के लिए और दूसरी बार पाए जाने पर तीन वर्ष के लिए निलंबित किया जाता है जबकि तीसरी बार पकड़े जाने पर लाइसेंस रद्द हो जाता है।