सुपर-30 के संस्थापक आनंद कुमार को दक्षिण कोरिया में कोरियाई पर्यटन का मानद राजदूत नामित किया गया है। आनंद कुमार का कोरिया में जोरदार स्वागत किया गया और कोरिया पर्यटन संगठन (केटीओ) के मुख्यालय सेग्ये-आरओ, वोनजू-सी में एक समारोह के दौरान उनको शपथ दिलाई। केटीओ के कार्यकारी उपाध्यक्ष हक्जू ली ने आनंद कुमार को शपथ दिलाई।
इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए हक्जू ली ने कहा कि आनंद कुमार का चयन आसान था क्योंकि वे समाज के वंचित वर्गों के छात्रों के लिए और अपने अग्रणी कार्य के लिए भारत और कोरिया दोनों में अत्यधिक लोकप्रिय हैं। आगे उन्होंने कहा कि आनंद कुमार के अच्छे कार्यों की बदौलत उन्हें कोरियाई पर्यटन के लिए ब्रांड एंबेसडर चुना गया।
केटीओ के कार्यकारी उपाध्यक्ष हक्जू ली आगे कहा कि इसका उद्देश्य इस अवसर का उपयोग भारत और कोरिया के युवाओं को एक-दूसरे को जानने, एक-दूसरे की संस्कृति, शिक्षा और बहुत कुछ समझने के लिए दोनों देशों के विकास और समृद्धि में भागीदार बनाने में एक दूसरे के संपर्क को बढ़ाना है।
आनंद कुमार की लोकप्रियता सियोल विश्वविद्यालय में दिन के एक अन्य कार्यक्रम में भी देखने को मिली, जिसमें उनकी पुस्तक ‘सुपर 30’ पर चर्चा हुई। आनंद कुमार के जीवन पर बॉलीवुड स्टार ऋतिक रोशन अभिनीत फिल्म ‘सुपर 30’ बनाई गई। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में शिक्षाविद और छात्र एकत्र हुए। पुस्तक का कोरियाई भाषा में अनुवाद भी किया गया है। पुस्तक के लेखक डॉ. बीजू मैथ्यू भी इस समारोह में भाग लेने के लिए कनाडा से आए थे, जिसमें आनंद कुमार ने दर्शकों के सवालों के जवाब दिए और अपनी यात्रा के बारे में बताया।
लोगों को संबोधित करते हुए आनंद कुमार ने कहा कि कार्यक्रम में युवाओं की प्रतिक्रिया जबरदस्त दिखाई दी और इससे उन्हें भारत में होने का एहसास हुआ। उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता था कि सुपर-30 कोरिया में इतनी लोकप्रिय है और इतने सारे लोगों ने यह किताब पढ़ी है। उन्होंने कहा कि मैं इस पल को लंबे समय तक याद रखूंगा। उन्होंने कहा कि वह सार्थक तरीके से योगदान करने के लिए केटीओ के अवसर की प्रतीक्षा करेंगे, क्योंकि भारत और कोरिया दोनों देशों में दोनों देशों के युवाओं के लिए सीखने और आगे बढ़ने के लिए बहुत कुछ है।
आनंद कुमार ने कहा, "मेरे लिए यह बहुत सम्मान की बात है, खासकर एक शिक्षक को दिए जाने वाले सम्मान के कारण। यह न केवल एक व्यक्ति का सम्मान है, बल्कि सामान्य रूप से शिक्षकों का भी सम्मान है और यह इस बात को रेखांकित करता है कि कैसे किसी व्यक्ति का जुनूनी और निस्वार्थ काम दूर-दूर तक लोगों को पहचान दिला सकता है। मैं कोरिया गणराज्य में सुपर 30 की लोकप्रियता देखकर अभिभूत हूं।"
शिक्षा को एक शक्तिशाली माध्यम बताते हुए आनन्द कुमार ने कहा कि दोनों देशों के महत्वाकांक्षी युवा सांस्कृतिक आदान-प्रदान के माध्यम से एक-दूसरे से बहुत कुछ सीख सकते हैं। उन्होंने कहा, "आपके लिए महत्वपूर्ण बात यह है कि आप समाज को कुछ वापस देने पर ध्यान केंद्रित करें और केवल नौकरी के अवसरों से संतुष्ट न हों।"