नए साल के जश्न के बीच, राष्ट्रीय राजधानी के विभिन्न हिस्सों में शाहीन बाग, जामिया मिलिया इस्लामिया और इंडिया गेट पर विरोध प्रदर्शन किए गए। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने "संविधान की रक्षा" करने का संकल्प लिया ।
सीएए के खिलाफ प्रदर्शन का केंद्र बने जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों और सिविल सोसायटी के सदस्यों ने तिरंगा और बैनर लेकर विश्वविद्यालय के बाहर सड़क के एक कैरिजवे पर विरोध जताया।
'जामिया के छात्रों ने जगाई अलख'
विश्वविद्यालय के बाहर बॉलीवुड अभिनेत्री स्वरा भास्कर ने संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ पूरे देश को जगाने को लेकर जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्रों की बुधवार को प्रशंसा की और दावा किया कि सीएए 'निशाना बनाने वाला' कानून है। भास्कर ने कहा, "हम देर से उठे हैं, लेकिन अब हम जाग गए हैं। आपने पूरे देश को जगा दिया है। ।"
'रांझणा' के सह-कलाकार मोहम्मद जीशानअय्यूब ने ‘हम एक हैं’ और 'इंकलाब जिंदाबाद' के नारे लगाए, वहीं भास्कर ने नागरिकता कानून के खिलाफ गीतकार वरुण ग्रोवर की कविता का पाठ किया, जिसमें पंचलाइन थी 'हम कागज नहीं दिखाएंगे।'
'संविधान रक्षा का लिया संकल्प'
जनसभा के बाद, विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र संघ द्वारा गेट नंबर 7 के बाहर एक कैंडललाइट मार्च का आयोजन किया गया था, जो 15 दिसंबर की हिंसा के बाद एक विरोध स्थल बन गया है। जामिया के छात्रों ने नए साल का स्वागत 'इंकलाब जिंदाबाद' और 'आज़ादी' के साथ किया।
दिल्ली के इंडिया गेट पर लोगों ने संविधान बचाने का सामूहिक संकल्प लिया। प्रदर्शनकारियों के संकल्प लेने से पहले और बाद में वहां ‘कागज नहीं दिखाएंगे’ एवं ‘तानाशाही नहीं चलेगी’ जैसे नारे भी लगाए। प्रदर्शनकारियों के साथ-साथ नया साल मनाने के लिए इंडिया गेट पर आम लोगों के उमड़ने से भारी भीड़ जमा हो गई। इस वजह से आसपास के इलाकों में वाहनों की रफ्तार भी धीमी हो गई।