भारत-चीन के तनाव के बीच सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे लद्दाख दौरे पर हैं। मंगलवार को जनरल नरवणे ने फॉरवर्ड पोस्ट का दौरा किया और गलवान घाटी में चीनी सैनिकों को मुंहतोड़ जवाब देने वाले जांबाजों को प्रशस्ति पत्र भी बांटे। सेना प्रमुख ने पूर्वी लद्दाख में बॉर्डर पर तैनात सैनिकों से मिलकर ऑपरेशनल हालात की भी समीक्षा की। उन्होंने सैनिकों से उनके उच्च मनोबल की सहारना की और उन्हें उत्साह के साथ काम करना जारी रखने का आह्वान किया।
बढ़ते तनाव के बीच, चीन की आक्रामकता जारी रहने पर भारत भी सभी संभावित सैन्य विकल्पों की खोज कर रहा है। भारत ने लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के 826 किलोमीटर के मोर्चे पर भी अपनी तरफ से तैयारी की है।
लेह में इलाज करा रहे सैनिकों से की मुलाकात
नरवणे दो दिवसीय दौरे पर हैं जहां पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीन के सैनिकों से हुई झड़प में भारतीय सेना क कुल 76 सैनिक घायल हुए थे और 20 मारे गए थे। पहले दिन मंगलवार को लेह पहुंचने के तुरंत बाद जनरल नरवणे ने सेना के अस्पताल का दौरा किया जहां 15 जून को गलवान घाटी में घायल हुए सैनिकों का इलाज चल रहा है। यहां उन्होंने घायल सैनिकों से बातचीत की और उन्हें हर कदम पर पूरी एकजुटता का आश्वासन दिया।
सेना के कमांडरों से की थी चर्चा
उत्तरी और पश्चिमी दोनों मोर्चों पर ऑपरेशनल स्थिति की समीक्षा के लिए सोमवार को सेना प्रमुख ने राष्ट्रीय राजधानी में सेना कमांडरों के सम्मेलन का दूसरा चरण आयोजित किया था। इस दौरान सभी कमांडर शामिल रहे थे और उत्तरी कमान के लेफ्टिनेंट जनरल वाई. के. जोशी ने भी इस दो दिवसीय बैठक में हिस्सा लिया था। सेना के कमांडरों ने उत्तरी और पश्चिमी दोनों मोर्चों पर भारत की ऑपरेशनल स्थिति के बारे में पूरी चर्चा की। सेना कमांडरों के सम्मेलन में भाग लेने के बाद मंगलवार को जनरल नरवणे घायल सैनिकों से मिलने के लिए लेह के लिए रवाना हुए थे।