देशभर में तबलीगी जमात के सदस्यों सहित उनके संपर्क में आए करीब 9,000 लोगों को क्वारेंटाइन किया गया है। दिल्ली में तबलीगी जमात के करीब 2,000 सदस्यों में से 1,804 को क्वारेंटाइन किया गया है जबकि 334 लोगों को अस्पतालों मे भर्ती कराया गया है। यह जानकारी गुरुवार को गृहमंत्रालय ने दी।
गृह मंत्रालय की संयुक्त सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि तबलीगी समाज के लोगों की केंद्र सरकार राज्यों के सहयोग से पहचान कर रही है जिसका नतीजा है कि तबलीगी समाज और उनके संपर्क में आए लोगों को इतनी बड़ी संख्या मे क्वारेंटाइन किया गया है।
मस्जिदों में रह रहे 275 विदेशियों की हुई पहचान
वहीं, स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि कोरोनोवायरस के लगभग 400 मामले ऐसे पाये गये हैं जिनके तबलीगी जमात कार्यक्रम से संबंध हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा ने 275 विदेशी नागरिकों की पहचान की है जो निजामुद्दीन स्थित मरकज में शामिल हुए थे और विभिन्न मस्जिदों में रह रहे थे। इन सभी को क्वारेंटाइन किया गया है।
नौ मौलवियों के खिलाफ एफआईआर
इस बीच, पिछले महीने नई दिल्ली के निजामुद्दीन में तबलीगी जमात में शामिल होने वाले नौ मौलवियों के खिलाफ पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की है जो मरकज से लौटने के बाद नेपाल सीमा पर एक मदरसे में छिपे हुए थे। इनके खिलाफ आईपीसी की धारा 188, 269 और 270 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
मौलाना साद की तलाश में जुटी पुलिस
तबलीगी जमात के प्रमुख मौलाना साद खांडलवी का अब तक कोई सुराग नहीं मिला है। देश के कई हिस्सों में पुलिस टीम तलाशी में जुटी हुई है। इस बीच मौलाना साद खांडलवी की तलाश में दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने बुधवार को राजधानी दिल्ली और उत्तर प्रदेश के कई स्थानों पर छापेमारी की। छापेमारी के दौरान उनके करीबी सूत्रों ने बताया कि तबलीगी जमात के प्रमुख मौलाना ने खुद को किसी अज्ञात जगह पर आइसोलेट कर लिया है। पुलिस के सूत्रों के अनुसार, क्राइम ब्रांच की टीमों ने स्थानीय पुलिस की मदद से उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर और शामली जिलों में छापेमारी की। साथ ही दिल्ली के जाकिर नगर और निजामुद्दीन में उनके तीन आवासों पर भी छापेमारी की गई है।