असम-मिजोरम सीमा पर 26 जुलाई को हुए हिंसक संघर्ष के बाद दोनों राज्यों में तनाव बना हुआ है। सीमा विवाद पर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि अगर मेरे खिलाफ एफआईआर दर्ज करने से मामला सुलझ जाता है, तो मैं किसी भी पुलिस स्टेशन में जाकर पेश होऊंगा। लेकिन मैं अपने अधिकारियों की जांच नहीं होने दूंगा। सीमा विवाद को सुलझाने के लिए हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।
सीएम सरमा ने कहा, “मेरे खिलाफ कांग्रेस पार्टी रोज एक एफआईआर दर्ज़ करा देती है। एक और एफआईआऱ दर्ज़ हो गई, इससे मुझे कोई समस्या नहीं है। अगर मिज़ोरम सरकार मुझे कोई नोटिस जारी करती है तो मैं किसी भी पुलिस स्टेशन में पेश हो जाऊंगा।”हालांकि, उन्होंने सवाल किया कि यह जांच किसी तटस्थ जांच एजेंसी के जरिए क्यों नहीं की जा रही है।
उन्होंने कहा कि असम सरकार मिज़ोरम सरकार से कभी भी, कहीं भी बात करने को तैयार है। अगर मिज़ोरम के मुख्यमंत्री हमें चर्चा के लिए कहते हैं, हम तैयार हैं। हमें इसमें कोई समस्या नहीं है। वहीं मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथंगा ने कहा कि असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा उनके भाई की तरह हैं और वे इस विवाद को शांतिपूर्ण ढंग से सुलझा लेंगे।
इस बीच मिजोरम के मुख्य सचिव लालनुनमाविया चुआंगो ने रविवार को कहा कि मिजोरम सरकार असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को वापस लेने के लिए तैयार है। मुख्य सचिव ने कहा कि मुख्यमंत्री जोरामथंगा ने प्राथमिकी में सरमा के नाम को शामिल करने की मंजूरी नहीं दी है।
चुआंगो ने कहा, ‘‘हमारे मुख्यमंत्री ने प्राथमिकी में असम के मुख्यमंत्री के नाम का जिक्र किए जाने को मंजूरी नहीं दी है। उन्होंने मुझे सुझाव दिया कि हमें इस पर गौर करना चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि वे संबंधित पुलिस अधिकारियों से बातचीत करेंगे और अगर उनके खिलाफ आरोप लगाने के वैध आधार नहीं हैं तो असम के मुख्यमंत्री का नाम हटाया जाएगा।
मुख्य सचिव ने कहा , ‘‘मैं प्राथमिकी दर्ज करने वाले पुलिस अधिकारियों से बातचीत करूंगा और अगर कोई कानूनी आधार नहीं है तो हम असम के मुख्यमंत्री का नाम हटाएंगे।’’ साथ ही उन्होंने कहा कि वह इस बात से अनभिज्ञ हैं कि सरमा के खिलाफ आपराधिक मामला कब दर्ज किया गया।
असम-मिजोरम सीमा पर हिंसक झड़प में असम के 6 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। इसके अलावा कई पुलिसकर्मी और स्थानीय लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे। घायल पुलिसकर्मियों का अस्पताल में इलाज जारी है।