अपहरण के मामले में उम्रकैद की सज़ा पाए पूर्व सांसद अतीक अहमद के भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ ने इसी मामले में प्रयागराज की अदालत द्वारा बरी किए जाने के बाद, अपनी जान को खतरा होने की बात फिर दोहरायी है। अशरफ को मंगलवार-बुधवार की दरमियानी रात को बरेली जेल पहुंचा दिया गया।
बरेली कारागार के अधिकारियों ने बताया कि अशरफ को मंगलवार-बुधवार की दरमियानी रात करीब दो बजे जेल पहुंचा दिया गया।
जेल के वाहन में बैठे अशरफ ने संवाददाताओं से कहा, ”एक अधिकारी ने मुझे धमकी दी है कि उमेश पाल अपहरण मामले में तो बच गए हो मगर जेल से दो सप्ताह बाद निकालकर तुम्हारी हत्या कर दी जाएगी।”
पूर्व विधायक अशरफ ने कहा, “अगर ऐसा हुआ तो उस अधिकारी का नाम लिखा मेरा बंद लिफाफा उच्चतम न्यायालय, इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश और मुख्यमंत्री के सामने खोल दिया जाए।”
इस सवाल पर कि क्या उसे जेल के अंदर भी अपनी हत्या की आशंका है, अशरफ ने कहा, ”जेल में फिलहाल मुझे कोई खतरा नहीं है। जेल के बाहर खतरा है।”
उसने कहा कि उसे उमेश पाल अपहरण मामले में प्रयागराज की विधायक/सांसद अदालत ने बरी किया है और उसे न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है तथा अन्य मामलों में भी दोषमुक्त करार दिये जाने की उम्मीद है।
प्रयागराज की एक विशेष अदालत ने पूर्व विधायक राजूपाल हत्याकांड मामले के प्रमुख गवाह रहे उमेश पाल के अपहरण के करीब 17 साल पुराने मामले में कथित माफिया और पूर्व सांसद अहमद समेत तीन आरोपियों को मंगलवार को दोषी ठहराते हुए उम्र कैद की सज़ा सुनाई थी और उसके भाई अशरफ समेत सात आरोपियों को सुबूतों के अभाव में बरी कर दिया था।
उमेश पाल और उनकी सुरक्षा में तैनात दो पुलिसकर्मियों की इसी साल 24 फरवरी को प्रयागराज में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उमेश पाल की पत्नी जया की शिकायत पर प्रयागराज के धूमनगंज थाने में अहमद, उसके भाई अशरफ, पत्नी शाइस्ता परवीन और दो बेटों समेत अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।
अशरफ को सोमवार को बरेली जेल से प्रयागराज ले जाया गया था, जहां मंगलवार को उसे तथा उसके भाई अतीक अहमद को अदालत में पेश किया गया था। इस मामले में अहमद को उम्रकैद की सजा सुनायी गयी, जबकि अशरफ को बरी कर दिया गया।
इस मामले में बरी होने के बाद भी अशरफ जेल में ही रहेगा। उसके खिलाफ अब तक 50 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हो चुके हैं, जिनमें से करीब 24 में सुनवाई चल रही है। हालांकि अभी तक किसी मामले में उसे सजा नहीं हुई है।