Advertisement

अयोध्या मामला: सुप्रीम कोर्ट ने निर्मोही अखाड़ा से विवादित जमीन के दस्तावेज मांगे

अयोध्या जमीन विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को दूसरे दिन सुनवाई हुई। इस दौरान बेंच ने...
अयोध्या मामला: सुप्रीम कोर्ट ने निर्मोही अखाड़ा से विवादित जमीन के दस्तावेज मांगे

अयोध्या जमीन विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को दूसरे दिन सुनवाई हुई। इस दौरान बेंच ने पक्षकार निर्मोही अखाड़ा से संबंधित 2.77 एकड़ भूमि के दस्तावेज पेश करने को कहा। मंगलवार को सुनवाई के दौरान निर्मोही अखाड़ा ने पूरी 2.77 एकड़ विवादित जमीन पर अपना दावा किया था।

मध्यस्थता पैनल द्वारा मामले का समाधान नहीं निकलने के बाद कोर्ट मंगलवार से सुनवाई कर रहा है। नियमित सुनवाई तब तक चलेगी, जब तक कोई नतीजा नहीं निकल जाता। सुनवाई के दूसरे दिन निर्मोही अखाड़ा की ओर से वरिष्ठ वकील सुशील जैन ने मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच जजों की बेंच के समक्ष अपना पक्ष रखा। निर्मोही अखाड़ा ने मंगलवार को मांग की थी कि विवादित 2.77 एकड़ की भूमि पर उनका नियंत्रण और प्रबंधन हो। उन्होंने कहा कि पूरे विवादित 2.77 एकड़ भूमि पर 1934 से ही मुसलमानों को प्रवेश करने पर मनाही है

मार्च में बनाया था मध्यस्थता पैनल

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 8 मार्च को इस मामले को बातचीत से सुलझाने के लिए मध्यस्थता पैनल बनाया था। इसमें पूर्व जस्टिस एफएम कलीफुल्ला, आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर, सीनियर वकील श्रीराम पंचू शामिल थे। हालांकि, पैनल मामले को सुलझाने के लिए किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सका। मध्यस्थता पैनल द्वारा समाधान नहीं निकलने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि 6 अगस्त से मामले की नियमित सुनवाई होगी।

हाईकोर्ट ने विवादित जमीन को 3 हिस्सों में बांटने के लिए कहा था

2010 में इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 14 याचिकाएं दाखिल की गई थीं। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि अयोध्या का 2.77 एकड़ का क्षेत्र तीन हिस्सों में समान बांट दिया जाए। पहला-सुन्नी वक्फ बोर्ड, दूसरा- निर्मोही अखाड़ा और तीसरा- रामलला विराजमान।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad