अयोध्या विकास प्राधिकरण (एडीए) ने सरकारी विभागों से अनापत्ति प्रमाणपत्र न मिलने का हवाला देते हुए यहां धन्नीपुर गांव में मस्जिद निर्माण योजना को खारिज कर दिया है। यह भूमि उच्चतम न्यायालय के फैसले के अनुरूप राज्य सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को आवंटित की गई थी।
आरटीआई के जवाब में एडीए ने 16 सितंबर को लिखे एक पत्र में कहा कि मस्जिद ट्रस्ट ने 23 जून 2021 को आवेदन दिया था जिसे - लोक निर्माण, प्रदूषण नियंत्रण, नागरिक उड्डयन, सिंचाई, राजस्व, नगर निगम और अग्निशमन सेवाओं सहित अन्य विभागों से अनापत्ति प्रमाणपत्र न मिलने के कारण खारिज कर दिया गया।
उच्चतम न्यायालय ने नौ नवंबर 2019 को अयोध्या के अरसे पुराने मामले में फैसला सुनाते हुए विवादित स्थल की 2.77 एकड़ जमीन मंदिर बनाने के लिए हिंदू पक्ष को देने का आदेश दिया था। साथ ही मुसलमानों को अयोध्या में ही किसी प्रमुख स्थान पर मस्जिद निर्माण के लिए पांच एकड़ जमीन देने का हुक्म जारी किया था।
न्यायालय के आदेश के अनुपालन में अयोध्या जिला प्रशासन ने सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को अयोध्या की सोहावल तहसील स्थित धन्नीपुर गांव में मस्जिद बनाने के लिए जमीन दी थी।
तीन अगस्त, 2020 को अयोध्या के तत्कालीन ज़िलाधिकारी अनुज कुमार झा ने ज़मीन का कब्ज़ा सुन्नी सेंट्रल वक्फ़ बोर्ड को हस्तांतरित कर दिया। यह ज़मीन अयोध्या से 25 किलोमीटर दूर स्थित है। मस्जिद ट्रस्ट ने 23 जून 2021 को अयोध्या विकास प्राधिकरण में मस्जिद और अन्य ढांचे के नक्शे की मंज़ूरी के लिए आवेदन किया था।
एक आरटीआई के जवाब में अयोध्या विकास प्राधिकरण ने स्वीकार किया है कि सरकारी विभागों ने मस्जिद के नक्शे की मंज़ूरी के लिए अनापत्ति प्रमाणपत्र और अन्य दस्तावेज़ नहीं दिए हैं, इसलिए मस्जिद ट्रस्ट का आवेदन अस्वीकार कर दिया गया है।
अयोध्या विकास प्राधिकरण ने पत्रकार ओम प्रकाश सिंह द्वारा दायर आरटीआई के जवाब में बताया कि विभिन्न सरकारी विभागों से अनापत्ति प्रमाणपत्र प्राप्त न होने के कारण प्राधिकरण ने मस्जिद ट्रस्ट का आवेदन खारिज कर दिया है।
आरटीआई के जवाब में प्राधिकरण ने यह भी बताया है कि मस्जिद ट्रस्ट ने आवेदन और जांच शुल्क के रूप में 4,02,628 रुपये का भुगतान कर दिया है। जिस जमीन पर इस ‘धन्नीपुर अयोध्या मस्जिद’ का निर्माण कराया जाना है, वह राम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद मामले में उच्चतम न्यायालय द्वारा सुनाए गए आदेश के अनुपालन में मुस्लिम पक्ष को दी गई है।