सहारनपुर जिले के हालात को देखते हुए सोशन मीडिया पर 25 मई से बैन लगा दिया गया तथा इंटरनेट व मोबाइल मैसेजिंग बंद कर दी गई। अफवाहों से बचने के लिए प्रशासन ने यह कार्रवाई की है। सभी टेलीकॉम कंपनियों को प्रशासन ने आदेश दिया था कि टू-जी, थ्री-जी, फोर-जी, जीपीआरएस इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया जाए तथा एसएमएस पर भी रोक लगा दी गई। टेलीकाम कंपनियों को साफतौर पर ताकीद भी किया गया कि आदेश की अवहेलना पर आईपीसी की धारा 188 के तहत कार्रवाई की जा सकती है। पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों को इस आदेश से बाहर रखा गया है।
डीएम प्रमोद कुमार पांडे ने बताया कि सोशल मीडिया पर अफवाहों को रोकने के लिए यह बैन लगाया गया था और हालात सामान्य होने पर बैन हटाने पर विचार किया जाएगा। गौरतलब है कि सहारनपुर में लगातार हुए दंगों के बाद हालात बद से बदतर हुए हैं । डीएम व एसएसपी तक का निलंबन कर दिया गया। बावजूद इसके हालात सामान्य होते दिखाई नहीं दे रहे हैं।
उधर, जम्मू-कश्मीर सरकार ने कश्मीर में पिछले करीब एक महीने से लगे 22 सोशल मीडिया और ऐप्लिकेशंस पर लगे प्रतिबंधों को हटा दिया है। सरकार ने 26 अप्रैल को सभी सोशल मीडिया और ऐप्लिकेशनों को प्रतिबंधित कर दिया था। यह कदम घाटी में हो रहे विरोध प्रदर्शनों को रोकने के लिए उठाया गया था। माना जा रहा था कि फेसबुक, वाट्सअप और ट्विटर समेत 22 सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर भड़काऊ सूचना प्रसारित करने के लिए दुरुपयोग किया जा रहा था। 11 मई को संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों ने केंद्र सरकार से बैन हटाने की मांग की थी कि ताकि जम्मू कश्मीर में विचारों की आजादी बहाल हो सके।