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बनारस लिट् फेस्ट 2024 : काशी साहित्य-कला उत्सव (दूसरा संस्करण)

भारत की सारस्वत साधना केंद्र और सांस्कृतिक राजधानी बनारस में साहित्य-कला-संगीत-संस्कृति की मजबूत...
बनारस लिट् फेस्ट 2024 : काशी साहित्य-कला उत्सव (दूसरा  संस्करण)

भारत की सारस्वत साधना केंद्र और सांस्कृतिक राजधानी बनारस में साहित्य-कला-संगीत-संस्कृति की मजबूत परंपरा फिर से एक बड़ा आकार ले रही है। संत कबीर , रैदास, तुलसी से लगायत भारतेंदु, प्रेमचंद, आचार्य रामचंद्र शुक्ल, महाकवि प्रसाद और प्रत्येक युग में अनेकानेक मनीषियों की धरती काशी में साहित्य की यह पहल आश्वस्तिदातक है। अपने पहले आयोजन से ही देश भर के सांस्कृतिक जगत में महत्त्वपूर्ण उपस्थिति दर्ज कराने वाले बनारस लिट् फेस्ट के दूसरे संस्करण का आयोजन 10-12 फरवरी, 2024 को शहर के प्रतिष्ठित रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में होने जा रहा है। 

 

भाषा, समाज, शिक्षा, साहित्य, कला एवं संस्कृति के व्यापक सरोकारों को समर्पित वाराणसी की प्रमुख सामाजिक-सांस्कृतिक संस्था नवभारत निर्माण समिति की ओर से आयोजित होने वाले "बनारस लिट् फेस्ट काशी : साहित्य-कला उत्सव" के दूसरे संस्करण के तीन दिवसीय भव्य आयोजन में देश-विदेश में चर्चित शताधिक कवि, लेखक, आलोचक, बुद्धिजीवी, संगीतकार, गायक, पत्रकार, नाट्यकर्मी , संस्कृतिकर्मी, समाजशास्त्री, वैज्ञानिक, शिक्षाविद भागीदारी करेंगे।

इसमें 20 से अधिक सत्र होंगे

समिति के सचिव बृजेश सिंह ने एक संवाद में बताया कि साझे स्वप्न और साझे प्रयत्न की इस साहित्यिक-सांस्कृतिक पहल का मूल विषय-प्रसंग (थीम) 'विश्व भाषा के रूप में हिंदी' है। बनारस और पूर्वांचल के मूर्द्धन्य साहित्यकारों, विद्वानों, लेखकों, संगीतकारों, समालोचकों, संस्कृतिकर्मियों, विविध ज्ञानानुशासनों, क्षेत्रों के बुद्धिजीवियों, साहित्यप्रेमियों, प्रतिष्ठित नागरिकों के समर्थन व सान्निध्य में यह कार्यक्रम आयोजित है।

10 फरवरी को भव्य उद्घाटन समारोह होगा, वहीं 12 फरवरी को विभिन्न साहित्यिक सत्रों व सांस्कृतिक कार्यक्रमों तथा गोमती देवी उत्कृष्टता सम्मान से समापन होगा। आयोजन में साहित्य, संगीत, नाटक, सिनेमा, ललितकला, मीडिया, समाज, संस्कृति विषयक विविध सत्र होंगे । वरिष्ठ पत्रकार-लेखक, पूर्व कुलपति (हरिदेव जोशी पत्रकारिता और जनसंचार विश्वविद्यालय) ओम थानवी, साहित्य अकादमी पुरस्कार एवं अन्य प्रमुख पुरस्कारों से सम्मानित वरिष्ठ कवि अरुण कमल, बद्री नारायण, परमिता शतपथी (ओड़िया) , आलोक धन्वा, विनय कुमार आदि अनेक मूर्द्धन्य कवि-लेखक इस साहित्योत्सव के आकर्षण होंगे। 

साथ ही बॉलीवुड के प्रख्यात गीतकार काशी की माटी से जुड़े समीर अंजान , सुप्रसिद्ध अभिनेता-लेखक-कवि आशुतोष राणा, अभिनेता-फिल्मकार यशपाल शर्मा, वरिष्ठ कथाकार 'तद्भव' संपादक अखिलेश, प्रसिद्ध कथाकार 'कथाक्रम' संपादक शैलेन्द्र सागर, वरिष्ठ कवि अष्टभुजा शुक्ल, कथाकार-उपन्यासकार अल्पना मिश्र (दिल्ली), वरिष्ठ पत्रकार , भाषाविद राहुल देव, कवि-लेखक-संगीतज्ञ यतींद्र मिश्र, पूर्व राजदूत, ग़ज़लकार जितेंद्र त्रिपाठी,नाट्य-कला-साहित्य-सिनेमा आलोचक संगम पांडेय, कवि अनिल त्रिपाठी, पत्रकार, कला-संस्कृति समीक्षक डॉ. गौतम चटर्जी, पटकथा लेखक एवं फिल्म इतिहासकार धर्मेंद्र ओझा, लोकप्रिय रचनाकार सत्या व्यास, दिव्य प्रकाश दुबे, युवा कवि अनुज लुगुन, कथाकार ट्विंकल रक्षिता, लेखिका शोभा अक्षर समेत अनेक कवि, लेखक, कथाकार, संगीतज्ञ, कलाकार, बुद्धिजीवी, समीक्षक विभिन्न सत्रों में विचार रखेंगे। नीति विश्लेषक, स्तंभकार और लेखक अतुल ठाकुर और साहित्यिक आलोचक आशुतोष ठाकुर भी लेंगे हिस्सा बनारस लिटरेचर फेस्टिवल में।

परमवीर चक्र विजेता कैप्टन योगेंद्र सिंह यादव भी साहित्योत्सव में आमंत्रित हैं। राज्यसभा सांसद प्रसिद्ध कथाकार-उपन्यासकार महुआ माजी, एवरेस्ट विजेता पद्मश्री संतोष यादव, प्रख्यात कवि-आलोचक-सांस्कृतिक व्यक्तित्व अशोक वाजपेयी, चर्चित कृति "रेतसमाधि" के लिए अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार से सम्मानित लेखिका गीतांजलि श्री, ख्यात कथाकार उदय प्रकाश भी आमंत्रित रचनाकारों एवं विशिष्ट व्यक्तियों में शामिल हैं। 

पद्मश्री राजेश्वर आचार्य, पद्मश्री अजीता श्रीवास्तव, पद्मश्री रजनीकांत, विख्यात नौटंकी कलाकार पद्मश्री पंडित रामदयाल शर्मा, प्रसिद्ध कत्थक नृत्यांगना विधि नागर, शास्त्रीय गायक देवाशीष डे एवं अनेक विख्यात लोक एवं शास्त्रीय संगीत कलाकार भी आयोजन में सम्मिलित होंगे। भिखारी ठाकुर रचित 'बिदेसिया' नाटक का मंचन होगा। 

 

 

भारत दर्शन कार्यक्रम के अंतर्गत देश के चार भागों के लोक नृत्य गिद्दा, कथकली, बिहू, कहरवा की भी प्रस्तुति होगी। "विश्व एकत्व का मूल" एवं "विश्व भाषा के रूप में हिंदी" विषय पर अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी होगी। कवि सम्मेलन एवं मुशायरे के अंतर्गत जाने माने शायर-कवि वसीम बरेलवी, सुरेंदर शर्मा, शकील आज़मी, मदन मोहन दानिश, शबीना अदीब, शैलेश गौतम, मुमताज नसीम, अमन अक्षर, डीबी सिंह, स्वयं श्रीवास्तव, भावना श्रीवास्तव, अंबरीश ठाकुर, सतीश सत्यार्थ आदि अपनी विविध रंग की रचनाओं से कार्यक्रम को गरिमा देंगे। 

चित्रकला एवं बनारसी मीनाकारी पर प्रदर्शनी एवं कार्यशाला का भी आयोजन किया गया है।12 फरवरी को साहित्य सत्रों के साथ ही विधाओं एवं अनुशासनों में उल्लेखनीय योगदान करने वाले सात मूर्द्धन्य हस्तियों को गोमती देवी उत्कृष्टता सम्मान एवं 11 अन्य महत्त्वपूर्ण लोगों को नव भारत सर्जक सम्मान से सम्मानित किया जाएगा। बनारस लिट् फेस्ट : काशी साहित्य-कला उत्सव के पहले आयोजन को जो 11-12 फरवरी, 2023 को बीएचयू के स्वतंत्रता भवन में संपन्न हुआ -- को साहित्य कला प्रेमियों का मजबूत समर्थन मिला। यह दूसरा संस्करण उन्हीं शुभकामनाओं और उम्मीदों से संभव हो रहा है।

 

बनारस के भी अनेक प्रमुख कवि, साहित्यकार, विद्वान, वैज्ञानिक, बुद्धिजीवी, संस्कृतिकर्मी इस आयोजन में शामिल होंगे। कविता , कथा-कहानी , नाटक , आलोचना, संवाद, बहस-विमर्श, व्याख्यान, संगोष्ठी , संगीत, कवि सम्मेलन , नाट्य मंचन, गीत-ग़ज़ल, पुस्तक चर्चा, ओपन माइक और अनेक सत्र हर श्रोता-दर्शक के लिए महत्त्वपूर्ण होंगे।बृजेश सिंह ने कहा कि हम इस आयोजन की निरंतरता बनाए रखने की सभी शुभचिंतकों, साहित्य-कला प्रेमियों की सदिच्छा का सम्मान करते हैं। उन्होंने बताया कि विगत दो दशक से अधिक समय से हम समाज-शिक्षा-स्वास्थ्य-साहित्य-कला-संस्कृति, विज्ञान-पर्यावरण विषयक आयोजनों, गोष्ठियों, व्याख्यानों को समय-समय पर करते रहे हैं। समिति की औपचारिक स्थापना 2005-06 काल से अब तक अनेक आयोजन कर चुके हैं। 

 

इस आयोजन के संयोजक प्रमोद पांडेय ने बताया कि संवाद में यक़ीन और यक़ीन की अलख जगाए रखना हमारी लोकतांत्रिक राह है।यह संवादधर्मी साहित्य उत्सव होगा। इस आयोजन में चार पीढ़ियों के कलमकार, बुद्धिजीवी विविध ज्ञानानुशासनों व विधाओं से हैं।  साहित्यरसिक पाठकों, कला-संस्कृति प्रेमियों, सुधी श्रोताओं, बुद्धिधर्मियों के आग्रह, अनुराग, सहभागिता, प्रेरणा-प्रोत्साहन और भरोसे से यह एक बड़ी परंपरा बन जाए इसकी भी सार्थक कोशिश होगी।यह हमारी वैचारिकी है। 

 

कीरति भनिति भूति भल सोई, 

सुरसरि सम सबकर हित होई।"

 - गोस्वामी तुलसीदासजी

यानी कीर्ति (यश), भनिति (साहित्य) और भूति (अस्तित्व) वही भली होती है जिसमें गंगा जी की तरह सबका भला निहित हो।

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