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बैंकरों, उद्योग जगत ने 500, 1000 के नोट बंद करने के कदम का स्वागत किया

बैंकरों और उद्योग जगत के नेताओं ने 500 और 1000 रुपये के नोटों को बंद करने के कदम को साहसिक और क्रांतिकारी कदम बताकर इसका स्वागत किया और लेनदेन सुगम बनाने में अपनी प्रतिबद्धता जताई।
बैंकरों, उद्योग जगत ने 500, 1000 के नोट बंद करने के कदम का स्वागत किया

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की अध्यक्ष अरुंधति भट्टाचार्य ने कहा, हम एटीएम में जल्द से जल्द नोट डालेंगे और उनसे राशि निकालना सुगम बनाएंगे। सरकार ने आवश्यक जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त छूट दी हैं। हम 24 घंटे काम करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि ग्राहकों का काम सरलता से हो।

उन्होंने कहा कि बैंकिंग प्रणाली में इस तरह की विमुद्रीकरण की स्थितियों से पहले भी निपटा गया है और इस बार भी हम ऐसा करेंगे। आईसीआईसीआई बैंक की प्रमुख चंदा कोचर ने कहा, समांतर अर्थव्यवस्था पर रोक लगाने के लिए संभवत: सबसे महत्वपूर्ण कदम है। यह भुगतान के सभी औपचारिक चैनलों को प्रोत्साहित करेगा जो औपचारिक अर्थव्यवस्था को दीर्घकालिक रूप में तेजी से बढ़ने में मदद करेंगे।

एचडीएफसी के अध्यक्ष दीपक पारेख ने कहा, इस बड़े सुधार की उम्मीद किसी को नहीं थी और इसका उन लोगों पर बड़ा असर पड़ेगा जिनके पास पैसा रखा है लेकिन कर देने की वजह से उसका खुलासा नहीं करते। महिंद्रा समूह के उपाध्यक्ष आनंद महिंद्रा ने ट्वीट किया, सफलता में आश्चर्यचकित करने का तत्व जरूरी होता है और अद्भुत बात है कि इस बड़े कदम को गोपनीय रखा गया।

जेएसडब्ल्यू समूह के सज्जन जिंदल ने इस कदम को अद्भुत और काले धन को रोकने के लिए बहुत साहसिक कदम बताया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की। सीआईआई के अध्यक्ष नौशाद फोब्र्स ने कहा कि बड़े मूल्य के नोट बंद करने से नगदी जमा में नियंत्रण होगा।

पेटीएम के संस्थापक विजय शेखर शर्मा ने कहा कि यह सर्वश्रेष्ठ तरीका है जो डिजिटल भुगतान में बढ़ोतरी करेगा।

भाषा

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