बाटला हाउस एनकाउंटर मामले में दिल्ली की एक अदालत ने दोषी आरिज खान को फांसी की सजा सुनाई है। अदालत ने इसे रेयरेस्ट ऑफ द रेयर केस मानते हुए अपना निर्णय दिया।
पुलिस ने आतंकवादी संगठन ‘इंडियन मुजाहिदीन’ से कथित रूप से जुड़े आरिज खान को फांसी की सजा दिए जाने का अनुरोध किया था। पुलिस का कहना था कियह केवल हत्या का मामला नहीं है, बल्कि न्याय की रक्षा करने वाले कानून प्रवर्तन अधिकारी की हत्या का मामला है। आरिज खान के वकील ने मृत्युदंड का विरोध किया। इसके बाद अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश संदीप यादव ने शाम चार बजे के लिए फैसला सुरक्षित रख लिया।
अदालत ने 2008 में बटला हाउस मुठभेड़ के दौरान हुई इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा की हत्या और अन्य अपराधों के लिए आरिज खान को आठ मार्च को दोषी ठहराया था। अदालत ने कहा था कि यह साबित होता है कि आरिज खान और उसके साथियों ने पुलिस अधिकारी पर गोली चलाई और उनकी हत्या की।
अदालत ने आरिज खान को आर्म्स एक्ट और भारतीय दंड संहिता की धारा 302, 307 के तहत दोषी करार दिया है। 2008 में हुए बाटला हाउस एनकाउंटर केस के बाद से ही आरिज फरार था और 2018 में नेपाल से गिरफ्तार किया गया।
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को 19 सितंबर को सूचना मिली थी कि इंडियन मुजाहिद्दीन के पांच आतंकी बाटला हाउस के एक फ्लैट में किराए पर मकान लेकर रह रहें हैं। 19 सितंबर 2008 की सुबह इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा आतंकियों को पकड़ने के लिए टीम लेकर बाटला हाउस में बिल्डिंग नंबर एल-18 के फ्लैट नंबर 108 में पहुंचे। उसी समय आतंकियों के साथ मुठभेड़ में उन्हें तीन गोलियां लग गईं। बाद में इलाज के दौरान उन्होंने अस्पताल में दम तोड़ दिया था। इस दौरान दो आतंकियों को मार गिराया गया था।
बता दें कि आरिज खान 2008 में दिल्ली, जयपुर, अहमदाबाद और यूपी की अदालतों में हुए धमाकों का मुख्य साजिशकर्ता है। इन धमाकों में 165 लोग मारे गए थे और 535 लोग घायल हो गए थे। उस वक्त आरिज खान पर 15 लाख रुपये का इनाम था और इसके खिलाफ इंटरपोल के जरिये रेड कॉर्नर नोटिस निकला गया था। आजमगढ़ के रहने आरिज खान उर्फ जुनैद को स्पेशल सेल की टीम ने फरवरी 2018 में गिरफ्तार किया था।