माकपा की पश्चिम बंगाल इकाई के मुखपत्र गणशक्ति के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी द्वारा मंगलवार रात आठ बजे 500 व 1000 रुपये के नोट बंद किए जाने की घोषणा से पहले ही इस फैसले की जानकारी बंगाल की भाजपा इकाई को थी। गणशक्ति का आरोप है कि घोषणा से ठीक पहले प्रदेश भाजपा इकाई ने अपने खाते में एक करोड़ रुपये नकद जमा करवा दिए। बांग्ला में प्रकाशित रिपोर्ट में बकायदा खाता संख्या भी दिया गया है। इसमें कहा गया है कि कोलकाता के चितरंजन एवेन्यू स्थित इंडियन बैंक में भारतीय जनता पार्टी की बंगाल इकाई के नाम से मौजूद खाता संख्या- 554510034 में यह रकम जमा करवाया गया है। इसके बाद माकपा राज्य सचिव सूर्यकांत मिश्र और विधानसभा में वाममोर्चा विधायक दल के नेता सुजन चक्रवर्ती ने अलग-अलग संवाददाता सम्मेलन कर आरोप लगाया कि यदि नोट बंदी की घोषणा को गुप्त रखा गया था तो बंगाल भाजपा ने इतना पैसा बैंक में जमा कैसे कराया। गणशक्ति की रिपोर्ट में कहा गया है कि 60 लाख रुपये एक हजार के नोट व 40 लाख रुपये 500 के नोट जमा किए गए हैं। वहीं सुजन चक्रवर्ती ने आरोप लगाया कि अलग-अलग चरणों में तीन करोड़ रुपये जमा कराए गए हैं। एक तरफ भाजपा बड़े नोटों के बंद होने के फैसले को आम लोगों के हित में बता रही है और दूसरी ओर घोषणा से पहले अपना रकम जमा कर रही है यह कहां तक उचित है? माकपा राज्य सचिव सूर्यकांत मिश्र ने भी आरोप लगाया कि कालाधन के नाम पर भाजपा नाटक कर रही है और गरीब लोगों को परेशान कर रही है। खुद मोटी रकम घोषणा से पहले ही हटा रही है। (एजेंसी)
नोटबंदी से पहले भाजपा ने बैंक में जमा कराए करोड़ों
नोटबंदी के जरिये कालेधन पर अंकुश लगाने की केंद्र सरकार की मंशा सवालों के घेरे में है। आरोप है कि प्रधानमंत्री की घोषणा से कुछ दिन पहले से लेकर घोषणा वाली रात तक पार्टी ने पश्चिम बंगाल में करीब 3 करोड़ रुपये बैंकों में जमा कराए हैं। इनमें से एक करोड़ रुपये तो प्रधानमंत्री की घोषणा वाले दिन दो किश्तों में जमा कराए गए और दूसरी किश्त तो घोषणा से चंद मिनट पहले जमा कराई गई। यह सभी नोट 500 और 1000 के बताए जाते हैं।
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