महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख की याचिका पर बंबई उच्च न्यायालय ने आज यानी सोमवार को अपना फैसला सुनाया और उन्हें जमानत दे दी।
न्यायमूर्ति एम एस कार्णिक ने आठ दिसंबर को याचिका सुरक्षित रखने के बाद आज फैसला सुनाया। देशमुख एक साल से अधिक की न्यायिक हिरासत के बाद अब जेल से रिहा होंगे।
देशमुख के खिलाफ यह मामला भ्रष्टाचार और पद के दुरुपयोग से संबंधित है, जिसकी जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) कर रहा है। न्यायमूर्ति एम. एस. कार्णिक की एकल पीठ ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद पिछले सप्ताह अपना फैसला सुरक्षित रखा था।
सीबीआई की विशेष अदालत के पिछले महीने देशमुख (74) की जमानत याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद उन्होंने उच्च न्यायालय का रुख किया। उन्होंने चिकित्सकीय और याचिका के गुण-दोष के आधार पर जमानत का अनुरोध किया है।
सीबीआई ने इस साल अप्रैल में उन्हें भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार किया था। देशमुख अभी न्यायिक हिरासत में हैं और मुंबई स्थित आर्थर रोड जेल में बंद हैं।
बंबई उच्च न्यायालय ने पिछले सप्ताह कहा था कि देशमुख की सेहत को देखते हुए प्रथम दृष्टया उसकी राय है कि भ्रष्टाचार और पद के दुरुपयोग मामले में दाखिल उनकी जमानत अर्जी पर सुनवाई को प्राथमिकता मिलनी चाहिए।