केंद्र सरकार के बजट पर विभिन्न राजनैतिक दलों ने मिली जुली प्रतिक्रिया व्यक्त की है। भाजपा ने बजट को किसानों, गरीबों और मध्यम वर्ग के लिए सराहनीय करार दिया है तो विपक्षी दलों के नेताओं ने निराशाजनक बताते हुए जुबानी जुमला करार दिया है।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि चार साल के बाद भी किसानों को वाजिब दाम का वादा पूरा नहीं हुआ। युवाओं के लिए रोजगार नहीं है। बजट में फैंसी योजनाएं हैं जिनका बजट से कोई तालमेल नहीं है।
4 years gone; still promising FARMERS a fair price.
— Office of RG (@OfficeOfRG) February 1, 2018
4 years gone; FANCY SCHEMES, with NO matching budgets.
4 years gone; no JOBS for our YOUTH.
Thankfully, only 1 more year to go.#Budget2018
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने बजट की सराहना करते हुए कहा है कि बजट से गरीबों, किसानों और मध्यम वर्ग के लिए नए रास्ते खुलेंगे। उन्होंने कहा कि बजट से समाज के सभी वर्गों को फायदा होगा।
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि यह बड़ा बजट है। गरीबों, किसानों और आदिवासियों के लिए कई बड़े ऐलान किए गए हैं। यह बजट भारत को वैश्विक आर्थिक ताकत के तौर पर स्थापित करेगा।
Its a grand budget, lot of announcements for the poor, farmers and tribals. This budget will also cement India as a global economic power: HM Rajnath Singh #UnionBudget2018 pic.twitter.com/Wl7tlajbD0
— ANI (@ANI) February 1, 2018
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि मेडीकल बीमे की राशि पांच लाख रुपये किए जाने से दस करोड़ परिवारों को फायदा मिलेगा जो बड़ा कदम है।
पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा ने कहा कि किसानों के सुधार के लिए कई कदम उठाए गए हैं लेकिन इन्हें काफी नहीं कहा जा सकता।
FM has tried to make improvements for farmers but the problems of farmers and rural people are enormous. Measures may not be sufficient: HD Dewe Gowda, former PM #UnionBudget2018 pic.twitter.com/BFWLM9jEXd
— ANI (@ANI) February 1, 2018
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य संरक्षण योजना से दस करोड़ परिवारों को फायदा होगा। सरकार का यह बेहतर कदम है।
Announcements regarding education, health and agriculture made.
— ANI (@ANI) February 1, 2018
A national health protection scheme to benefit 10 crore poor families announced, it is a huge initiative. I would like to congratulate the government: Bihar Chief Minister Nitish Kumar pic.twitter.com/CaSmCUPKL0
बिहार में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने ने ट्वीट कर कहा है कि बजट में बिहार के लिए कुछ भी नहीं है। बिहार को विशेष पैकेज और विशेष राज्य के दर्जे पर कुछ भी नहीं मिला। नीतीश कुमार बताएं क्या यही उनके लिए डबल इंजन हैं ? नीतीश जी की वजह से केंद्र सरकार बिहार के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। मोदी सरकार ने धरातल पर कुछ नहीं किया और न ही कर रही है। सरकार सिर्फ कागजों पर बातों के पकौड़े और जुमलों के बताशे उतार रही है।
कांग्रेस प्रवक्ता अखिलेश सिंह ने भी बजट पर निराशा जाहिर करते हुए कहा कि बजट में सभी वर्गों की, खासतौर पर मिडिल क्लास की उपेक्षा की गई है।
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, "मोदीनॉमिक्स + जेटलीनॉमिक्स = जुमलानॉमिक्स।" उन्होंने कहा, " न सोच, न रास्ता, न विज़न, न क्रियान्वन। हमेशा बातों से काम, पर काम की बात नहीं! सही कहा- नाम बड़े और दर्शन छोटे!"
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि बजट उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा। इसमें आम जनता के लिए कुछ भी अच्छा नहीं है। समाज के सभी वंचित वर्गों की उम्मीदें इस बजट से पूरी नहीं हो सकतीं।
आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सरकार ने दिल्ली के साथ सौतेला व्यवहार किया है। मुझे उम्मीद थी कि दिल्ली को महत्वपूर्ण इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के लिए आर्थिक मदद मिलेगी मगर ऐसा नहीं हुआ।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि वित्तमंत्री अरुण जेटली के वित्त वर्ष 2018-19 के बजट का जमीन हकीकत से कोई लेना-देना नहीं है। उऩ्होंने कहा, 'सच्चाई सामने आने के बाद यह सिर्फ एक किताबी कसरत है।'
समाजवादी पार्टी के नेता और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट किया,"गरीब-किसान-मजदूर को निराशा, बेरोजगार युवाओं को हताशा, कारोबारियों, महिलाओं, नौकरीपेशा और आम लोगों के मुँह पर तमाचा, ये जनता की परेशानियों की अनदेखी करने वाली अहंकारी सरकार का विनाशकारी बजट है। आख़री बजट में भी भाजपा ने दिखा दिया कि वो केवल अमीरों की हिमायती है। अब जनता जवाब देगी।"
बसपा सुप्रीमो मायावती ने केन्द्रीय बजट को केवल लच्छेदार बातों वाला ग़रीब विरोधी और धन्नासेठ समर्थक बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री बताये कि अच्छे दिन के वादे का क्या हुआ। उन्होंने कहा कि केवल अलंकृत भाषणों तथा लच्छेदार बातों से ग़रीबों और मेहनतकश जनता का पेट नहीं भरने वाला है। मोदी सरकार को दावे के बारे में जिम्मेदार और जवाबदेह सरकार की तरह वास्तविकता का लेखा-जोखा भी जनता को बताना चाहिये। अब तक केवल हवा हवाई बयानबाजी ही की गयी है।