उत्तर प्रदेश में बहराइच और खलीलाबाद के बीच नई ब्रॉडगेज रेल लाइन बनेगी। 240.26 किलोमीटर लंबी इस रेल लाइन की अनुमानित लागत 4939.78 करोड़ रुपये की लागत आएगी। यह परियोजना 2024-25 में पूरी होगी। इससे बहराइच, बलरामपुर, श्रावस्ती, सिद्धार्थ नगर और संतकबीर नगर जिलों को फायदा होगा।
बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट ने इस रेल लाइन को मंजूरी दी। यह रेल लाइन भींगा, श्रावस्ती, बलरामपुर, उतरौला, डुमरियागंज, मेहदावलऔर बंसी से होकर गुजरेगी। प्रोजेक्ट से जुड़ी कंस्ट्रक्शन एक्टिविटी के दौरान 57.67 लाख मानव दिवस के रूप में सीधे रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे।
पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
रेल लाइन से क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। यह रेल लाइन गौतमबुद्ध के जीवन से जुड़ी श्रावस्ती से होकर गुजरेगी। श्रावस्ती जैन धर्म के मतावलम्बियों का एक महत्वपूर्ण पर्यटन केंद्र भी है। नई रेल लाइन देवी दुर्गा के प्रसिद्ध 51 शक्तिपीठों में से एक देवीपाटन मंदिर के लिए भी जाएगी।
लघु उद्योगों के विकास में मिलेगी मदद
नई रेल लाइन क्षेत्र से सामाजिक और आर्थिक महत्व वाले औद्योगिक विकास को बुनियादी आधारभूत ढांचा मिलेगा। साथ ही यह परियोजना बड़ी लाइन के जरिए क्षेत्र के आर्थिक विकास में मददगार बनेगी। यह बहराइच-खलीलाबाद के बीच वैकल्पिक रेल मार्ग के साथ ही सीमावर्ती जिलों को एक दूसरे से जोड़ेगी।
इस रेल लाइन से परियोजना क्षेत्र में पड़ने वाले इलाकों के स्थानीय निवासियों को रेल सेवा उपलब्ध होने के साथ ही वहां के लघु उद्योगों को भी विकसित होने में मदद मिलेगी। नीति आयोग द्वारा चिन्हित किए गए 115 आकांक्षी जिलों में से 4 इस परियोजना क्षेत्र में हैं। इन जिलों में बहराइच, बलरामपुर, श्रावस्ती और सिद्धार्थ नगर शामिल है।
आशा कार्यकर्ताओं का निगरानी भत्ता बढ़ाया
इसके अलावा कैबिनेट ने लोक स्वास्थ्य बीमा योजना आयुष्मान भारत को प्रोत्साहन देने के लिये आशा कार्यकर्ता का निगरानी यात्रा भत्ता 5000 रुपये से बढ़ाकर 6000 रुपये तक प्रति माह करने का फैसला लिया है। अक्टूबर से आशा कार्यकर्ताओं को निगरानी यात्रा भत्ते के रुप से 250 रुपये प्रति यात्रा के स्थान पर 300 रुपये प्रति यात्रा दिये जाएंगे। प्रत्येक आशा कार्यकर्ता प्रति माह तकरीबन 20 निगरानी यात्राएं करती हैं। प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना में आशा कार्यकर्ता सुविधा प्रदाता है। केंद्र सरकार पर इस फैसले से 46.95 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार पड़ेगा। देश में 41 हजार 405 आशा कार्यकर्ता हैं। आशा सुविधा प्रदाता की नियुक्ति 10 से 25 आशा कार्यकर्ताओं पर की जाती है।
नए एम्स के निदेशक का पद सृजित करने को मंजूरी
रायबरेली, गोरखपुर, बठिंडा, गुवाहाटी, बिलासपुर और देवघर में स्थापित होने वाले अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थानों (एम्स) में निदेशक का पद सृजित करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है। निदेशक का वेतन दो लाख 25 हजार रुपये प्रति माह होगा जो भत्ते आदि को मिलाकर दो लाख 37 हजार 500 रुपए प्रति माह से अधिक नहीं होगा। निदेशक संस्थान के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के तौर पर काम करेगा और पूरे प्रशासन के लिये जिम्मेदार होगा।