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विशेष- वेटिकन में मदर टेरेसा को लेकर आयोजनः होटल बुकिंग से ममता नाराज

रोम के वेटिकन सिटी में चार सितंबर को मदर टेरेसा को संत घोषित किया जाएगा। इस अनुष्ठान में शामिल होने के लिए भारतीय प्रतिनिधिमंडल भी भेजा जा रहा है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के नेतृत्व में 12 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल रोम जा रहा है। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा नामित मारग्रेट अल्वा और लोजिन्हो फेलेरियो समेत चर्च के कई प्रतिनिधि जा रहे हैं।
विशेष- वेटिकन में मदर टेरेसा को लेकर आयोजनः होटल बुकिंग से ममता नाराज

मदर टेरेसा ने मिशनरीज ऑफ चैरिटी का काम कोलकाता से शुरू किया, वहीं मुख्यालय बनाया और वहीं उन्होंने अंतिम सांस ली। जाहिर है, बंगाल सरकार उनके संत घोषित किए जाने को लेकर बेहद सक्रिय है। मिशनरीज ऑफ चैरिटी कई महीनों से कोलकाता में आयोजन कर रही है और ममता बनर्जी उसमें भाग ले रही हैं- स्कूल स्तर से लेकर बड़े किसी आयोजन में भी वे गई हैं।

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मिशनरीज ऑफ चैरिटी ने उन्हें रोम चलने का न्यौता दिया और एक महीना पहले उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय और विदेश मंत्रालय को इसकी इत्तला दे दी। इसके अनुसार, वेटिकन के सेंट पीटर्स स्क्वायर के पास स्थित `होटल ग्रेन मेलिया` में ममता बनर्जी और उनके तीन अन्य सहयोगियों- सांसद सुदीप बनर्जी, डेरेक ओ ब्रायन और बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा के लिए सुइट्स बुक कराए गए। ममता बनर्जी को जेड श्रेणी की सुरक्षा मिली है। इस कारण होटल की सातवीं मंजिल पर उनके, उनके साथियों और सुरक्षा स्टाफ के रहने की व्यवस्था की गई।

लेकिन जब भारतीय प्रतिनिधिमंडल का कार्यक्रम तय किया गया, तब ममता बनर्जी की टीम की बुकिंग में भी बदलाव कर दिया गया। दो सितंबर को भारत से सभी रवाना होकर तीन को पहुंचेंगे। इसके पहले रोम में भारतीय राजदूत अनिल वाधवा ने ममता बनर्जी को सूचित किया कि सुदीप बंद्योपाध्याय की बुकिंग बदलनी पड़ी है। उन्हें अब होटल में पहली मंजिल पर ठहराया जाएगा, क्योंकि उनके सुइट में केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल को ठहराया जाएगा। यह इंतजाम ममता बनर्जी को नाराज करने के लिए काफी था। उन्होंने इसे कूटनीतिक शिष्टाचार के खिलाफ बताते हुए तय किया कि बंगाल के नेताओं की पूरी टीम होटल की पहली मंजिल पर ही ठहरेगी। अमित मित्रा ने राजदूत अनिल वाधवा को फोन कर नाराजगी जताई और इस प्रकरण को ट्विट कर शेयर भी किया।

इतना ही नहीं, वहां भारतीय राजदूत की तरफ से तीन सितंबर को रखे गए रात्रिभोज में भी ममता बनर्जी और उनके साथियों ने शामिल नहीं होने का फैसला किया है। उन्होंने वहां के दूतावास को बताया है कि चूंकि वे मिशनरीज ऑफ चैरिटी के निमंत्रण पर वहां जा रही हैं, इसलिए तीन सितंबर का दिन वे वहां ननों और वालंटियर्स के साथ बिताना चाहेंगी। चार सितंबर को संत घोषित करने के आयोजन के बाद ममता बनर्जी और उनकी टीम वहां के उद्योगपतियों से मिलने वाली हैं।

जाहिर है, देश में चल रही राजनीतिक उठापटक की झलक वेटिकन में भी दिखेगी। 

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