धोखाधड़ी करके बैंकों से कर्ज लेने वाले डिफॉल्टरों पर सरकार कड़ी कार्रवाई के मोड में आ गई है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) ने कर्ज लेकर चुकाने में डिफॉल्टर रहे कई उद्योग घरानों के खिलाफ विशेष अभियान के तहत 18 शहरों में छापे मारे गए। लोन फ्रॉट के 14 मामलों में सीबीआइ अधिकारियों ने एक साथ निवास स्थान और कार्यालय समेत 50 स्थानों पर छापे मारे। मुंबई के विनसम ग्रुप, तायल ग्रुप की एसके निट, दिल्ली की नाफ्तोगाज, एसएल कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लि. और पुणे के इंटरनेशनल मेगा फूड पार्क लि. और सुप्रीम टेक्स मार्ट सहित कई कंपनियों पर बैंकों के 640 करोड़ रुपये हजम करने का आरोप है।
कंपनियों पर बैंको को 640 करोड़ का चूना लगाने का आरोप
अधिकारियों ने बताया कि 12 राज्यों के 18 शहरों में आरोपित कंपनियों के प्रमोटर और डायरेक्टरों पर छापे की कार्रवाई की गई है। सीबीआइ द्वारा यह कार्रवाई जिन शहरों में शुरू की गई है, उनमें दिल्ली, मुंबई, लुधियाना, ठाणे, वलसाड, पुणे, पलानी, गया, गुरुग्राम, चंडीगढ़, भोपाल, सूरत और कोलार भी शामिल हैं। आरोपी कंपनियां मुंबई, दिल्ली और पुणे स्थित उद्योग घरानों के संबंधित हैं। इनमें हीरा कारोबारी जतिन मेहता का विनसम ग्रुप भी शामिल है। इन सभी आरोपी कंपनियों पर बैंकों के 640 करोड़ रुपये बकाया हैं।
कंपनी प्रमोटरों और डायरेक्टरों के 50 ठिकानों पर कार्रवाई
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बैंक घोटालों के मामले में पूरे देश में एक साथ यह कार्रवाई शुरू की गई है। सीबीआइ ने मंगलवार की सुबह 18 शहरों में 50 से ज्यादा स्थानों पर छापा मारा गया। आरोपी कंपनियों, उनके प्रमोटर और डायरेक्टरों और बैंक अधिकारियों पर 14 केस दर्ज किए गए हैं।