कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) पेपर लीक मामले में सीबीआइ ने बुधवार को 17 लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की है। जिन लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की गई है उनमें 10 लोग सिफी टेक्नोलॉजी प्रा.लि. के कर्मचारी है। प्राथमिकी में इनके अलावा दस छात्रों के भी नाम हैं।
समाचार एजेंसी पीटीआइ के अनुसार, इस मामले की जांच को लेकर सीबीआई देश के अलग-अलग 12 जगहों पर छापेमारी भी कर रही है और बड़े स्तर पर जांच भी की जा रही है। इस मामले में सीबीआइ ने सिफी टेक्नोलॉजी के नोएडा, मुंबई, चेन्नई और नई दल्ली के ओखला स्थित कार्यालयों में भी छापेमारी की। इसके अलावा कंपनी के एक कर्मचारी संत प्रसाद गुप्ता के दिल्ली के शेख सराय इलाके स्थित आवास पर भी छापेमारी की गई। जिन सात छात्रों पर प्राथमिकी दर्ज की गई है वे सोशल मीडिया पर वायरल हुए प्रश्न पत्र के स्क्रीन शॉट की मदद से परीक्षा में शामिल हुए थे।
प्रतियोगिता के लिए परीक्षा का पहला स्तर पिछले साल अगस्त में आयोजित किया गया था जबकि दूसरा स्तर इस साल 17 से 22 फरवरी के बीच हुआ था। इसी दौरान 21 फरवरी को एसएससी ग्रेजुएट लेवल टायर-2 परीक्षा प्रश्नपत्र लीक हो गया था। परीक्षा 10.30 बजे से शुरू होने वाली थी जबकि सोशल मीडिया पर प्रश्न पत्र 10.10 बजे आ गया था। प्रश्नपत्र का स्क्रीन शॉट लेकर इसे लीक किया गया था। परीक्षार्थियों के अनुसार लीक स्क्रीन शॉट और प्रश्नपत्र में कोई अंतर नहीं था।
पेपर लीक मामला सामने आने के बाद एसएससी के खिलाफ देश भर में काफी प्रदर्शन भी हुए थे। परीक्षार्थियों ने दिल्ली के सीजीओ कॉम्प्लेक्स पर कई दिनों तक धरना भी दिया था। इनकी मांग थी कि एसएससी प्रश्नपत्र लीक मामले की सीबीआइ जांच कराई जाए। सरकार ने परीक्षार्थियों की मांग मान ली थी और इस मामले को सीबीआइ को सौंप दिया था। इसके बाद एसएससी ने फैसला लिया कि जबतक पेपर लीक मामले की जांच नहीं हो जाती तब तक परीक्षा के परिणाम घोषित नहीं किए जाएंगे।