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नेशनल हेराल्ड मामले में सीबीआई की कार्रवाई, हुड्डा और वोरा के खिलाफ चार्जशीट दाखिल

साल 2005 में असोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) को गलत तरीके से जमीन आवंटित करने के मामले में सीबीआई ने...
नेशनल हेराल्ड मामले में सीबीआई की कार्रवाई, हुड्डा और वोरा के खिलाफ चार्जशीट दाखिल

साल 2005 में असोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) को गलत तरीके से जमीन आवंटित करने के मामले में सीबीआई ने हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, वरिष्ठ कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा और एजेएल के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है। चार्जशीट आईपीसी की धारा 120बी, 420, 13(2) और 13(1) के तहत  दाखिल की गई  है।

दरअसल, हरियाणा के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य ने ही इस मामले को आगे बढ़ाने और चार्जशीट दाखिल करने की अनुमति दी थी। ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि भूपेंद्र सिंह हुड्डा पूर्व मुख्यमंत्री हैं और उन पर केस चलाने से पहले राज्यपाल की अनुमति लेनी जरूरी थी। 

हुड्डा पर ये हैं आरोप

पूर्व मुख्यमंत्री पर असोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) को उसके अखबार नेशनल हेराल्ड के लिए पंचकूला में नियमों के खिलाफ जमीन अलॉट करने का आरोप है। मौजूदा बीजेपी सरकार ने साल 2016 में मामला सीबीआई को सुपुर्द कर दिया था।

'चुनाव नजदीक आते ही सरकार इस तरह की गतिविधियों में लग जाती है'

सीबीआई के चार्जशीट दाखिल करने पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा है कि जैसे ही चुनाव नजदीक आता है, सरकार इस तरह की गतिविधियों में लग जाती है।

संस्थानों का राजनीतिक फायदे के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है

वहीं, सीपीएम नेता सीताराम येचुरी ने कहा, 'हम पिछले कई दिनों से देख रहे हैं कि किस तरह के विपक्ष के नेताओं के साथ ये सब हो रहा है। चाहे आंध्र प्रदेश हो या हरियाणा, हर जगह यही हो रहा है। जिन संस्थानों को स्वतंत्र रहना चाहिए उन्हें राजनीतिक फायदे के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।'

भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर क्या हैं आरोप

भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर आरोप है कि उन्होंने सीएम रहते हुए नेशनल हेराल्ड की सब्सिडी एसोसिएट्स जनरल लिमिटेड (एजेएल) कंपनी को 2005 में 1982 की दरों पर प्लॉट अलॉट करवाया। मामले में फर्जीवाड़ा और भ्रष्टाचार के आरोप में हरियाणा विजिलेंस विभाग ने अप्रैल-2016 में मामला दर्ज किया था।

क्या है पूरा मामला

यह मामला काफी पुराना है। केंद्र में मोदी सरकार आने के दो साल बाद इस केस को 2016 में सीबीआई को सौंपा गया था। सीबीआई ने अपनी एफआईआर में कहा था कि वर्ष 1982 में एजेएल को पंचकूला में एक भूखंड आवंटित किया गया था, लेकिन वर्ष 1992 तक उस पर कोई निर्माण कार्य नहीं किया गया। इसके बाद हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (हुडा) ने इस भूखंड को फिर से अपने कब्जे में ले लिया।

सीबीआई की एफआईआर में कहा गया था कि एजेएल को 2005 में यही भूखंड फिर से आवंटित किया गया। हुडा के तत्कालीन अध्यक्ष ने इस आवंटन में कथित तौर पर नियमों का उल्लंघन किया। उस समय हुडा के अध्यक्ष तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा थे। एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड का नियंत्रण कथित रूप से गांधी परिवार समेत कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के पास है। एसोसिएटेड जर्नल्स, नेशनल हेराल्ड चलाता है।

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