सीबीआई ने नरेन्द्र दाभोलकर की हत्या मामले में आरोपी संजीव पुनालेकर और विक्रम भावे के खिलाफ बुधवार को पुणे की कोर्ट में सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की। भावे यरवदा जेल में न्यायिक हिरासत में है जबकि वकील पुनालेकर जमानत पर बाहर है।
सीबीआई ने अपने विशेष लोक अभियोजक के जरिए यह चार्जशीट दाखिल की। 17 अगस्त को कोर्ट ने भावे की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। मामले में सीबीआई ने भावे और पुनालेकर को 25 मई को मुंबई से गिरफ्तार किया था।
सबूत मिटाने और मदद करने का है आरोप
इससे पहले इस मामले में सचिन प्रकाशराव अंदुरे और हिंदू जन जागृति समित के सदस्य वीरेंद्र तावड़े को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। इनसे पूछताछ के बाद ही सीबीआई ने पुनालेकर और भावे की गिरफ्तारी की कार्रवाई को आगे बढ़ाया है। उन पर में दाभोलकर हत्याकांड के सबूत नष्ट करने की कोशिश और आरोपियों को मदद करने का आरोप है।
मॉर्निंग वॉक के दौरान कर दी थी हत्या
नरेंद्र दाभोलकर पेशे से डॉक्टर थे। अंधविश्वास के खिलाफ समाज को जागृत करने का काम भी करते थे। इस सिलसिले में उन्होंने 1989 में महाराष्ट्र अंधविश्वास निर्मूलन समिति भी बनाई थी जिसके वो अध्यक्ष थे. सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में काम कर रहे दाभोलकर कई बार जान से मारने की धमकी मिल चुकी थी। 20 अगस्त 2013 को पुणे में जब वो मॉर्निंग वॉक पर निकले थे तब उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
बेंच ने यह की थी टिप्पणी
परिजनों द्वारा कोर्ट के नियंत्रण में जांच कराने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए बेंच ने कहा था कि हम काफी नाराज हैं। कोई सुधारात्मक उपाय नहीं किए गए हैं। वे (हत्याओं की जांच कर रहे अफसर) ऐसे संवेदनशील मामलों में पूरी तरह से अक्षम और असंवेदनशील रहे हैं। बेंच ने कहा कि हम आज देश में दुखद चरण का गवाह बन रहे हैं। नागरिक यह महसूस करते हैं कि वे अपनी चिंता या बात निडरता से नहीं कह सकते हैँ। क्या हम यह दिन देखने की ओर बढ़ रहे हैं जब हर व्यक्ति को कहीं घूमने या स्वतंत्र रूप से बोलने के लिए पुलिस सुरक्षा की जरूरत पड़ेगी।