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लालू प्रसाद यादव की जमानत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची सीबीआइ, मांगा जवाब

चारा घोटाला केस में दोषी पाए जाने के बाद सजा काट रहे राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और...
लालू प्रसाद यादव की जमानत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची सीबीआइ, मांगा जवाब

चारा घोटाला केस में दोषी पाए जाने के बाद सजा काट रहे राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को नोटिस भेजा। मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबड़े की अगुवाई वाली तीन जजों की खंडपीठ ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) की याचिका पर यह नोटिस जारी किया। दरअसल, लालू प्रसाद यादव को झारखंड हाइकोर्ट से मिली जमानत को सीबीआइ ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। इसी मामले में लालू प्रसाद को सर्वोच्च न्यायालय ने नोटिस जारी कर उनसे जवाब दाखिल करने के लिए कहा है।

सीबीआइ ने सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी याचिका में कहा है कि झारखंड हाइकोर्ट ने लालू प्रसाद को दोषी ठहराने और उन्हें सजा देने के निचली अदालत के फैसले को निलंबित रखने और उनको जमानत पर रिहा करने का आदेश देकर त्रुटि की है। हाइकोर्ट ने देवघर कोषागार से 89.27 लाख रुपये की रकम धोखे से निकाले जाने के मामले में उन्हें जमानत पर रिहा करने का आदेश देते हुए कहा था कि वह अपनी साढ़े तीन साल की सजा की आधी अवधि जेल में बिता चुके हैं।

जानें क्या है पूरा मामला

बता दें कि झारखंड हाईकोर्ट ने 12 जुलाई 2019 को देवघर कोषागार से अवैध निकासी मामले में आधी सजा काटने के आधार पर लालू को जमानत दी थी। इसके खिलाफ सीबीआइ ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाई थी। मामला देवघर कोषागार से 90 लाख रुपये की अवैध निकासी का है। जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की कोर्ट ने 50-50 हजार रुपये के दो निजी मुचलके पर लालू को जमानत दी थी। सीबीआइ कोर्ट ने इस मामले में लालू प्रसाद को साढ़े 3 साल की सजा सुनाई थी। 10 लाख रुपये जुर्माना भी लगाया था।

झारखंड हाइकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची सीबीआइ

चारा घोटाला मामले में लालू प्रसाद यादव रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में सजा काट रहे हैं। बीमार होने की वजह से वह लंबे अरसे से रांची के रिम्स अस्पताल में भर्ती हैं। पिछले दिनों झारखंड हाइकोर्ट ने देवघर कोषागार से फर्जी कागजात के आधार पर निकासी के मामले में लालू प्रसाद को जमानत दे दी थी। हाइकोर्ट ने सजा की आधी अवधि जेल में गुजारने के आधार पर राजद सुप्रीमो को जमानत दी थी। सीबीआइ झारखंड हाइकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी।

झारखंड हाइकोर्ट ने जमानत देने से कर दिया था इनकार

दिसंबर, 2019 में झारखंड हाइकोर्ट ने दुमका कोषागार से निकासी के मामले में लालू प्रसाद यादव को दिसंबर, 2019 में जमानत देने से इनकार कर दिया था। इस मामले में लालू प्रसाद के वकील ने बीमारी का हवाला देकर जमानत की याचिका दाखिल की थी। उल्लेखनीय है कि लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाला के देवघर कोषागार से निकासी के मामले में सीबीआइ की विशेष अदालत ने 23 दिसंबर, 2017 को दोषी करार देते हुए साढ़े तीन साल की सजा सुनायी थी।

रिम्स में भर्ती हैं लालू प्रसाद यादव

लालू प्रसाद की तबीयत बिगड़ने पर उन्हें 17 मार्च, 2018 को पहले रिम्स और फिर दिल्ली एम्स में भर्ती कराया गया था। कोर्ट ने उन्हें 11 मई को इलाज के लिए छह हफ्ते की जमानत दी। बाद में इसे बढ़ाकर 14 और फिर 27 अगस्त तक कर दिया। कोर्ट ने इसके बाद 30 अगस्त को लालू प्रसाद को कोर्ट में सरेंडर करने का निर्देश दिया। इसके बाद से बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद सुप्रीमो रिम्स में भर्ती हैं।

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